ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को फेसबुक से अनुरोध किया कि वह ऑस्ट्रेलिया के उपयोगकर्ताओं पर लगाई रोक को हटा ले और समाचार प्रकाशित करने वाले व्यवसायों से वार्ता शुरू करें। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि अन्य देश भी समाचार साझा करने के एवज में डिजिटल कंपनियों से शुल्क वसूलने के उनकी सरकार के कदमों का अनुसरण कर सकते हैं। मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने फेसबुक विवाद के बारे में गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। वह ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस के नेताओं के साथ भी ऑस्ट्रेलिया के इस प्रस्तावित कानून के बारे में बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा,”ऑस्ट्रेलिया जो कर रहा है उसमें कई देशों की दिलचस्पी है। इसलिए मैं गूगल के समान ही फेसबुक को भी आमंत्रित करता हूं कि वह रचनात्मक तरीके से वार्ता करे क्योंकि वे जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया यहां पर जो करने जा रहा है उसका अनुसरण कई पश्चिमी देश कर सकते हैं।” ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर फेसबुक के खिलाफ लड़ाई में समर्थन मांगा। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों की चुनी हुई सरकारों की मुश्किलें बढ़ाने के लिए समाचार स्वास्थ्य और आपात सेवाओं को बंद करने का कदम उठाकर फेसबुक ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है।
उन्होंने कहा इसके खिलाफ वैश्विक साझेदारी खड़ी करनी होगी। उनकी यह बातचीत इसलिए अहम है क्योंकि फेसबुक के लिए भारत बड़ा बाजार है और इस मुहिम में प्रधानमंत्री मोदी को साथ लेने का महत्व मॉरिस भली-भांति समझते हैं। मॉरिसन ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने फेसबुक द्वारा अचानक लगाए गए प्रतिबंधों से बने हालात रखें। उन्होंने बताया कि फेसबुक द्वारा अपने प्लेटफार्म से लाखों यूजर्स के लिए अचानक खबरों का कंटेंट ब्लॉक करना चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को धमकाने की एक कोशिश है।
मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों की समाचार तक पहुंच तथा इसे साझा करने से फेसबुक द्वारा गुरुवार को रोके जाने के कदम को एक खतरा बताया। दरअसल फेसबुक ने गुरुवार को कड़े तेवर दिखाते हुए ऑस्ट्रेलिया में समाचार साझा करने पर पाबंदी लगा दी थी। सोशल मीडिया कंपनी के इस कदम से सरकार, मीडिया और शक्तिशाली प्रौद्योगिकी कंपनियों के बीच तकरार बढ़ गई है। ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक पर समाचार साझा किए जाने के एवज में मीडिया संस्थानों को (सोशल मीडिया कंपनी द्वारा) भुगतान किये जाने के संबंध में एक प्रस्तावित कानून के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए इस कंपनी ने यह कदम उठाया है।
मॉरिसन ने संवाददाताओं से कहा, ”कुछ साइट बंद करने का विचार, जैसा कि उन्होंले कल किया, यह एक किस्म का खतरा ही है। मैं जानता हूं कि ऑस्ट्रेलिया के लोगों की इसके लिए कैसी प्रतिक्रिया होगी। मेरा खयाल है कि उनका यह कदम ठीक नहीं था।” उन्होंने कहा, ”उन्हें जल्द से जल्द इससे आगे बढ़ना होगा, वार्ता मंच पर आना होगा और हम फिर इसका हल निकाल लेंगे।” फेसबुक के रोक लगाने की देश में व्यापक तौर पर आलोचना हुई क्योंकि इस सोशल मीडिया कंपनी ने महामारी, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं तक पहुंच रोक दी है, हालांकि ऐसा अस्थायी तौर पर किया गया है।
फेसबुक ने गुरुवार को घोषणा की थी कि उसने ऑस्ट्रेलिया में समाचार देने के बदले भुगतान करने के प्रस्तावित कानूनों के मद्देनजर ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए अपने मंच पर समाचार देखने या साझा करने की सेवा बंद कर दी है। दरसअल प्रतिनिधि सभा ने बुधवार रात एक विधेयक पारित किया जिसमें फेसबुक एवं गूगल को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया कंपनियों को उन खबरों का उचित मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है जिन्हें ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिखाते हैं। सीनेट में पारित होने के बाद ही यह कानून का रूप लेगा।