दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2 आस्ट्रेलिया को हराया पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची। अब उसका सामना 4 अगस्त को वर्ल्ड नम्बर-5 अर्जेटीना से होगा, जिसने जर्मनी को हराया।
भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है। मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था।
मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था। इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था।
जिम्बाब्वे ने पूल चरण के समापन पर पूल के शीर्ष पर स्वर्ण पदक जीता। चेकोस्लोवाकिया सोवियत संघ ने क्रमश: रजत कांस्य पदक जीता।
भारत ने पूल में पांच मैचों में दो जीत हासिल की थी। उसका एक मैच ड्रॉ रहा था जबकि उसे दो मैचों में हार मिली थी। पांच अंकों के साथ भारत अंतिम रूप से चौथे स्थान पर रहा था।
इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी। भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था।