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कनाडाकी विदेश मंत्री अनीता आनंद ने की प्रधानमंत्री मोदीसे मुलाकात


पटरी पर आये भारत-कनाडाके संबंध
नयी दिल्ली (आससे.)। भारत और कनाडा के संबंध एक बार फिर से पटरी पर आने लगे हैं। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने सोमवार को साउथ ब्लॉक के पीएमओ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच व्यापार, एनर्जी, तकनीक, कृषि और सहयोग को लेकर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को शुभकामनाएं दीं और आने वाली बैठकों का इंतजार करने की बात कही।मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि विदेश मंत्री आनंद के इस दौरे से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे प्रधानमंत्री कार्नी से जल्द मिलने को उत्सुक हैं। इससे पहले भारत और कनाडा के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद साझा बयान जारी किया गया। बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर रोडमेप तैयार किया गया। दोनों मंत्रियों ने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और तनाव के समय में मजबूत साझेदारी जरूरी है।दोनों मंत्रियों ने 2024 में द्विपक्षीय व्यापार के 23.66 अरब डॉलर पहुंचने पर संतुष्टि जताई। भारतीय और कनाडाई कंपनियां एक-दूसरे के बाजारों में तेजी से व्यापार बढ़ा रही हैं। व्यापार को आर्थिक विकास का आधार मानते हुए, दोनों पक्षों ने जल्द मंत्रिस्तरीय चर्चा शुरू करने का फैसला किया। बयान के मुताबिक, कनाडा-भारत सीईओ फोरम को फिर से शुरू किया जाएगा, जो साफ तकनीक, बुनियादी ढांचा, कृषि-खाद्य और डिजिटल नवाचार पर सिफारिशें देगा। यह फोरम 2026 की शुरुआत में वरिष्ठ व्यापार मिशन के दौरान होगा। इसके अलावा, क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए दोनों देश सहयोग बढ़ाएंगे। पर्यावरण संरक्षण, न्यू एनर्जी,भारी उद्योगों से कार्बन कम करना, प्लास्टिक प्रदूषण रोकना जैसे क्षेत्रों में इनफॉर्मेशन साझा करेंगे। इससे आर्थिक विकास और नौकरियां भी बढ़ेंगी। बयान में कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में कनाडा-भारत मंत्रिस्तरीय ऊर्जा वार्ता को फिर से शुरू किया जाएगा। एलएनजी, एलपीजी व्यापार, तेल-गैस खोज, साफ तकनीक, हरी हाइड्रोजन, जैव ईंधन, कार्बन कैप्चर, इलेक्ट्रिक वाहन पर सहयोग होगा। बिजली प्रणाली प्रबंधन, उत्सर्जन कम करना, डिजिटलरण,आपदा प्रबंधन पर बेस्ट तरीके साझा करेंगे। बयान के मुताबिक, दोनों देश जी20 जैसे मंचों पर ऊर्जा दक्षता बढ़ाने का काम करेंगे। कनाडा की खनन विशेषज्ञता से भारत को महत्वपूर्ण खनिज मिलेंगे। परमाणु ऊर्जा सहयोग और यूरेनियम आपूर्ति पर चर्चा जारी रहेगी। मार्च 2026 में टोरंटो में महत्वपूर्ण खनिज वार्षिक संवाद होगा। इसके अलावा दोनों देशों ने और डिजिटल क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग करने का फैसला लिया है। एआई रीच बढ़ाने के लिए साझेदारी होगी। कनाडाई एआई कंपनियां फरवरी 2026 में भारत के एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगी। साथ ही कृषि क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा, व्यापार, उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा और किसानों की आय बढ़ाने, स्थायी आपूर्ति श्रृंखला, कृषि-मूल्य श्रृंखला सुधार, पोषण सुरक्षा, कृषि अपशिष्ट से ऊर्जा-खाद बनाना, जलवायु-प्रतिरोधी कृषि पर सहयोग होगा। लोगों के बीच आपसी संपर्क और संचार को मजबूत करने के लिए शिक्षा, पर्यटन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पेशेवर गतिशीलता पर दोनों देश काम करेंगे। उच्च शिक्षा और शोध में नई साझेदारी, उभरती तकनीकों जैसे एआई, साइबर सुरक्षा, फिनटेक पर अनुसंधान में सहयोग किया जाएगा और कनाडाई विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोलेंगे। साथ ही उच्च शिक्षा संयुक्त कार्य समूह को फिर से सक्रिय करेंगे।दोनों देशों के यह सहमति भी बनी है कि उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास आर्थिक, राजनीतिक, रक्षा, तकनीक क्षेत्रों में विशेषज्ञता बढ़ाएंगे। इससे विश्वास बहाल होगा और सहयोग गहरा होगा। वैश्विक मुद्दों पर भी सहयोग बढ़ेगा, जैसे बहुपक्षीय संस्थाओं को मजबूत बनाना।
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