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कन्नड़ फिल्म निर्देशक एसके भगवान का निधन, बेंगलुरु में ली अंतिम सांस


नई दिल्ली, : कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक दुखद खबर सामने आ रही है, निर्देशक एसके भगवान का बेंगलुरु में निधन हो गया। वो 90 साल के थे और पिछले दो महीने से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। बीते साल दिसंबर महीने में उन्हें खराब तबीयत के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आंतिम सांस ली। 

नहीं रहे एसके भगवान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एसके भगवान के निधन को शोक जताते हुए ट्वीट किया। उन्हें ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘कन्नड़ फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध निर्देशक एसके भगवान की मौत की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनके परिवार को इस दर्द को सहन करने की शक्ति दें।’

 

सीएम ने जताया शोक

उन्होंने आगे कहा, दोरई-भगवान की जोड़ी ने कन्नड़ सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं। डॉ और उनके दोस्त दोराई राज ने ‘कस्तूरी निवास’, ‘एराडु सोयम’, ‘बयालु दारी’, ‘गिरि कान्ये’, ‘होसा लेकुक’ सहित 55 फिल्मों का निर्देशन किया। ओम शांति।

1956 से की थी शुरुआत

एसके भगवान का जन्म 5 जुलाई, 1933 को हुआ था और उन्होंने कम उम्र में ही हिरण्यह मिथ्रा मंडली के साथ थिएटर नाटकों में अभिनय करना शुरू कर दिया था। उन्होंने 1956 में कनागल प्रभाकर शास्त्री के असिस्टेंट के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया। इसके तुरंत बाद, उन्हें एसी नरसिम्हा मूर्ति के साथ ‘राजदुर्गदा रहस्य’ (1967) के सह-निर्देशक के रूप में काम किया।

बाद के सालों में, दोनों ने ‘कस्तूरी निवास’, ‘एराडू कनासु’, ‘बयालुदारी’, ‘गालीमातु’, ‘चंदनादा गोम्बे’, ‘होसा बेलाकु’, ‘बेंकिया बाले’, ‘जीवन चैत्र’ जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया। और ‘गोवा दल्ली सी.आई.डी 999’, ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सी.आई.डी 999, और ऑपरेशन डायमंड रैकी जैसी बॉन्ड-शैली की फिल्में की।

2019 में आई थी आखिरी फिल्म

दोरई राज के निधन के बाद, भगवान ने निर्देशन से एक लंबा ब्रेक लिया, साथ में उनकी आखिरी फिल्म 1996 में ‘बालोंडू चदुरंगा’ थी। उन्होंने 2019 में 85 साल की उम्र में अडुवा गोम्बे के साथ वापसी की, जो उनकी निर्देशित 50वीं फिल्म थी