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कन्नौज लोकसभा सीट: सपा का गढ़ फिर फतह करने की तैयारी में BJP, खुद मैदान में उतरेंगे सीएम योगी


कन्नौज। सपा का मजबूत किला मानी जाने वाली कन्नौज लोकसभा सीट पर फिर अखिलेश के उतरने की चर्चा के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ शनिवार को कन्नौज पहुंचेंगे। श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राममय हुए माहौल में मुख्यमंत्री का इत्रनगरी आना पार्टी कार्यकर्ताओं के जोश को बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है। कन्नौज में पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक के पिता की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम कन्नौज माटी वंश समागम में मातृशक्ति सम्मेलन के जरिए योगी आदित्यनाथ प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव को उनके ही क्षेत्र में चुनौती देंगे।

 

1998 से लेकर 2019 तक कन्नौज पर सपा का रहा कब्जा

कन्नौज संसदीय क्षेत्र पर 1998 से लेकर 2019 तक लगातार समाजवादियों का कब्जा रहा। सपा संस्थापक स्व. मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश यादव और फिर उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद रहीं। हालांकि 2019 में मोदी और योगी की लहर चली तो भाजपा के प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने डिंपल को पराजित कर दिया।

उसके बाद डिंपल यादव मैनपुरी में चुनाव लड़ीं। अपने मुख्यमंत्री रहते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज को अपनी कर्मस्थली के रूप में विकसित किया। 2019 में डिंपल यादव के चुनाव हारने के बाद भी वह 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट को अपने लिए सबसे सुरक्षित मानते हैं।

अखिलेश यादव खुद कन्नौज से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इसकी चर्चा जोरों पर है। आइएनडीआइ की प्रदेश में अगुआई कर रहे अखिलेश यादव के खिलाफ इस सीट पर घेराबंदी करने के लिए भाजपा को और मजबूत किया जा रहा है। इसके लिए स्वयं योगी आदित्यनाथ ने कमान संभाली है।

कन्नौज सीट पर भाजपा की नजर

तीन फरवरी को कन्नौज के केके इंटर कालेज के बोर्डिंग मैदान में सुब्रत पाठक के पिता स्व. ओम प्रकाश पाठक की पांचवी पुण्यतिथि पर कन्नौज माटी वंश समागम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मातृशक्ति सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

कार्यक्रम के जरिए मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव में जीत के लिए सियासी समीकरण भी अनुकूल बनाएंगे। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सुब्रत पाठक अखिलेश यादव के सामने बुरी तरह से पराजित हुए थे, लेकिन डिंपल यादव के सामने भाजपा ने 2014 में कड़ी टक्कर दी।

तब सुब्रत पाठक महज 19908 मतों से हारे थे। 2019 में सुब्रत ने डिंपल यादव को 12,358 वोटों से हराया था। अब फिर अखिलेश यादव सामने आ सकते हैं। मुख्यमंत्री के दौरे को सपा मुखिया के कन्नौज से लड़ने के ऐलान से पहले भाजपा को और मजबूती देने के रूप में देखा जा रहा है।