नई दिल्ली, । कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने स्क्रैप चीजों के निपटान से 254.21 करोड़ रुपये कमाए हैं। कबाड़ चीजों के निपटान के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दूसरे चरण की तीन सप्ताह बाद समीक्षा के दौरान यह जानकारी दी गई। आपको बता दें कि कबाड़ निपटान की पॉलिसी सभी सरकारी कार्यालयों में लागू है।
जितेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि 2 से 31 अक्टूबर से चलाए जा रहे विशेष अभियान 2.0 के कार्यान्वयन के दो सप्ताह पूरे हो गए हैं। 2 से 25 अक्टूबर की अवधि में यह विशेष अभियान दूर-दराज के इलाके में स्थित कार्यालयों, विदेशी मिशन, अधीनस्थ कार्यालयों में नागरिकों की भागीदारी के आधार पर लागू किया गया है।
सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता पर जोर
विशेष अभियान 2.0 के तीसरे सप्ताह में हजारों अधिकारियों और नागरिकों की व्यापक भागीदारी देखी गई। इन सबने मिलकर सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता के लिए एक आंदोलन चलाया। कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सचिवों ने भी अभियान में भाग लिया। तीन सप्ताह में डाक विभाग ने 17,767 डाकघरों में स्वच्छता अभियान चलाया है, रेल मंत्रालय ने 7028 रेलवे स्टेशनों पर, फार्मास्युटिकल विभाग ने 5,974 स्थलों में, रक्षा विभाग ने 4,578 स्थलों में और गृह मंत्रालय ने 4,896 साइटों में स्वच्छता अभियान चलाया है।
कबाड़ से कमाई का गणित
सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अब तक स्क्रैप की बिक्री से रक्षा मंत्रालय को सबसे अधिक कमाई हुई है। अभियान से प्राप्त कुल राजस्व में रक्षा मंत्रालय का हिस्सा 60 प्रतिशत है। बता दें कि स्क्रैप से कमाई का आंकड़ा अभी बढ़ सकता है। भारत की जीवन रेखा समझी जाने वाली रेलवे ने अभी तक अपना डाटा अपडेट नहीं किया है।
कैसे हो रही है ट्रैकिंग
विशेष अभियान 2.0 की प्रगति की निगरानी एक समर्पित पोर्टल www.pgportal.gov.in पर दैनिक आधार पर की जाती है। सभी मंत्रालयों/विभागों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं जो फील्ड ऑफिसेस द्वारा किए गए कार्यों की निगरानी करते हैं। अभियान की भारत सरकार के सचिवों द्वारा साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जाती है।