कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर जिले में वक्त पर इलाज नहीं मिलने के कारण एक बच्चे की मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक पांच वर्षीय बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके बाद होसुर सरकारी अस्पताल डॉक्टरों ने उसे वक्त पर रेबीज का टीका नहीं लगाया जिसके चलते उसकी मौत हो गई। मृतक बच्चे का नाम समीर बाशा बताया जा रहा है और वो इलाके के कोरातालादिन्ने गांव का रहने वाला था। बच्चे की मौत के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, बच्चे के माता-पिता सहित अन्य लोगों ने डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बच्चे की मौत से गुस्साए लोगों ने सवाल किया कि, वक्त रहते बच्चे का इलाज क्यों नहीं किया गया। बच्चे को कुत्ते ने काटा था, तो उसे तुरंत ही रेबीज की टीका लगाना चाहिए था। बता दें, घर के पास खेलते वक्त बीती 30 अक्टूबर को बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। उसके माता-पिता उसे पास के होसूर सरकारी अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगाया और उन्हें वापस भेज दिया। लेकिन जब लड़का ठीक नहीं हुआ, तो वे उसे गौरीबिदनूर शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए। उसकी हालत गंभीर होने के कारण, उसे बेंगलुरु के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान में रेफर कर दिया गया। लड़के ने इंदिरा गांधी अस्पताल में दम तोड़ दिया बच्चे की खून की जांच में सामने आया है कि कुत्ते के काटने के कारण, जहर से उसका मस्तिष्क प्रभावित हो गया था। वहीं, जब बच्चे के माता-पिता अपने बच्चे के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए होसुर सरकारी अस्पताल पहुंचे, तो सामने आया कि वहां के डॉक्टरों ने उनके बच्चे को रेबीज का टीका दिए जाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। मामले में पूछताछ करने पर डॉक्टरों और अस्पताल के स्टाफ की ओर से कोई भी संतोषपूर्वक जवाब नहीं दिया गया। पीड़ित पक्ष ने धरना देकर डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।