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कर्नाटक विधानसभा चुनावों में तीन हजार से अधिक उम्मीदवार लड़ेंगे चुनाव


बेंगलुरु, । कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्क्रूटनिंग की गई जिसमें निर्वाचन अधिकारियों ने तीन हजार से ज्यादा उम्मीदवारों के नामंकन पत्र को सही पाया है। 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में कुल 3,044 उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे।

3 हजार से अधिक उम्मीदवार लड़ेंगे चुनाव

कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि अभी तक हुई जांच प्रक्रिया में 3 हजार से अधिक उम्मीदवारों की दावे को सही पाया गया है। हालांकि, अभी इसमें अभी राज्य की पांच विधानसभा सीटों को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि सवदत्ती-येल्लम्मा, औरद, हावेरी (एससी), रायचूर और शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों के पर्चाों की जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।

डी के शिवकुमार का सही पाया गया नामांकन

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है, हालांकि पहले उनका नामांकन पत्र खारिज होने की बातें चल रही थी। शुक्रवार को दस्तावेजों की जांच शुरू होने से पहले शिवकुमार ने कहा था कि मेरा नामांकन पत्र सही है लेकिन ऐसी सूचना थी कि भाजपा का आईटी सेल मेरे नामांकन पत्रों की जांच कर रहा है। यह सिस्टम के दुरुपयोग की साजिश है लेकिन अब उनका नामांकन पत्र सही पाया गया है।

किस पार्टी से कितने उम्मीदवार लडे़ंगे चुनाव

सीईओ कार्यालय के अनुसार, विधानसभा चुनावों में वैध रूप से नामित 3,044 उम्मीदवारों में से 219 बीजेपी, 218 कांग्रेस, 207 जेडी (एस) से हैं, जबकि बाकी सभी छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इन उम्मीदवारों से कुल 4,989 नामांकन प्राप्त हुए हैं। वहीं, नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 24 अप्रैल है।

डीके सुरेश ने भी कनकपुरा से दाखिल किया था नामंकन

20 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने की समय सीमा से कुछ घंटे पहले, बेंगलुरु ग्रामीण से कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कनकपुरा क्षेत्र से नामांकन दाखिल किया, जबकि उनके बड़े भाई शिवकुमार कनकपुरा सीट से पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर चुके थे। सुरेश ने शिवकुमार का नामांकन खारिज होने की स्थिति में “बैकअप प्लान” के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि शिवकुमार के नामांकन को खारिज करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा साजिश रची जा रही है।