हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के चित्र के साथ कई महापुरुषों की तस्वीरों का यहां ‘सुवर्ण विधान सौध’ के विधानसभा कक्ष में अनावरण किए जाने के बीच विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें अंधेरे में रखकर यह एकतरफा फैसला किया गया। स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस, भीमराव आंबेडकर, बसवेश्वर, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और सावरकर की तस्वीरों का अनावरण विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा कक्ष के अंदर किया। इस सीमावर्ती जिले में राज्य विधानमंडल के 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले तस्वीरों का अनावरण किया गया।
इससे पहले, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डी के शिवकुमार के नेतृत्व में पार्टी ने ‘सुवर्ण विधान सौध’ के बाहर कुवेम्पु, नारायण गुरु, शिशुनाला शरीफ, पंडित जवाहरलाल नेहरू, बाबू जगजीवन राम जैसे नेताओं-समाज सुधारकों की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह पार्टी की मांग है कि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और समाज सुधारकों के चित्र विधानसभा में लगाए जाने चाहिए और वे किसी एक तस्वीर का विरोध नहीं कर रहे हैं।
सिद्धरमैया ने कहा कि सदन के भीतर बिना किसी चर्चा या विमर्श के एकतरफा निर्णय के बाद कुछ तस्वीरों को लगाया गया। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘यदि विधानसभा के अंदर कोई चित्र लगाना है, तो सदन को विश्वास में लेना होता है क्योंकि वे विधानसभा की संपत्ति बन जाते हैं। हालांकि अध्यक्ष संरक्षक होता है। ऐसा नहीं किया गया है, कार्य मंत्रणा समिति में भी इस पर चर्चा नहीं की गई।” कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें सावरकर समेत अन्य तस्वीरों के अनावरण के संबंध में न तो कोई निमंत्रण मिला और न ही उनके पास कोई जानकारी थी, और मीडिया के माध्यम से इसके बारे में पता चला।
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हम किसी भी चित्र को लगाने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन सदन को विश्वास में लेना चाहिए।” उन्होंने कहा कि नेहरू, पटेल, जगजीवन राम और समाज सुधारकों के चित्र लगाए जाने चाहिए। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘वे (भाजपा नीत सरकार) अभी इसलिए ऐसा कर रहे हैं क्योंकि हम (कांग्रेस) भ्रष्टाचार, मतदाता पहचान पत्र कार्ड घोटाला, किसानों का मुद्दा, कानून-व्यवस्था, कई घोटाले समेत अन्य मुद्दे उठाएंगे। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वे एकतरफा तरीके से ऐसा कर रहे हैं। हम इसका विरोध करते हैं।” कांग्रेस के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, ‘‘विधानसभा के अंदर जो कुछ भी होता है वह अध्यक्ष और विधायी विभाग पर निर्भर करता है, मुझे अभी अध्यक्ष से मिलना बाकी है, मैं उनसे बात करूंगा।”