यह ज्वालामुखी पिछली बार वर्ष 2002 में फटा था तब यहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और लावा हवाईअड्डे के सभी रनवे पर पहुंच गया था. संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन की ओर से ज्वालामुखी फटने के बाद की शहर की तस्वीर ट्वीट की गई. उसने कहा कि वह अपने विमानों के जरिए क्षेत्र पर नजर रख रहा है. कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना की टुकड़ी ने ज्वालामुखी प्रभावित गोमा टाउन में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कर्मियों की आसानी से निकाला और सुरक्षा की सुविधा प्रदान की. एक सक्रिय ज्वालामुखी माउंट न्यारागोंगो 22 मई को लगभग शाम 6.30 बजे फट गया.
