काबुल, । अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता के बाद बढ़ती आतंकी घटनाओं ने लोगों का जीन मुहाल कर दिया है। अफगानिस्तान में अगस्त, 2021 में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद से आत्मघाती बम धमाकों की घटनाएं थम नहीं रही हैं। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक शिक्षा केंद्र में शुक्रवार को हुए बम धमाके में मारे गए 53 लोगों में कम से कम 46 लड़कियां और युवतियां शामिल थीं।
सोमवार को भी बम विस्फोट
संयुक्त राष्ट्र मिशन (UN Mission) ने ट्वीट कर कहा- काबुल के हजारा क्वार्टर (Hazara quarter of Kabul) में शुक्रवार को कक्षा में हुए बम धमाके में 53 लोग मारे गए हैं जबकि 110 जख्मी हुए हैं। मृतकों में कम से कम 46 लड़कियां और महिलाएं शामिल हैं। हमारी मानवाधिकार टीम काम कर रही है। मालूम हो कि अफगानिस्तान की राजधानी के पश्चिमी हिस्से में हाजरा आबादी को निशाना बनाकर सोमवार को भी एक विस्फोट हुआ। यह विस्फोट शाहिद मजारी रोड के पास पुल-ए-सुख्ता इलाके में हुआ है।
तालिबान ने नहीं जारी किया कोई बयान
अभी तक विस्फोट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। तालिबान अधिकारियों ने कोई बयान जारी नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमले में करीब 100 छात्र मारे गए हैं। शनिवार को अल्पसंख्यक हाजरा समुदाय की दर्जनों महिलाओं ने काज शिक्षण केंद्र पर हुए आतंकी हमले के विरोध में प्रदर्शन किया। कुछ दिन पहले वजीर अकबर खान इलाके में विस्फोट के बाद ये धमाके हो रहे हैं।
महिलाओं ने किया विरोध प्रदर्शन
पझवोक अफगान न्यूज (Pajhwok Afghan News) की रिपोर्ट के अनुसार, काले कपड़े पहने महिला प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यकों के नरसंहार के खिलाफ नारे लगाए और अपने अधिकारों की मांग की। यह विस्फोट काबुल के वजीर अकबर खान इलाके के पास एक विस्फोट की सूचना के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसने वैश्विक आक्रोश को जन्म दिया था। काबुल में रूसी दूतावास के बाहर हाल ही में बम धमाका हुआ था जिसकी कड़े शब्दों में निंदा की जा रही है। मानवाधिकार समूहों का कहना है कि तालिबान ने शांति बहाली के वादों को तोड़ा है।