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कालाजार की दवा के जनक पद्मश्री डॉ. मोहन मिश्रा का निधन,


  • विश्व में डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी पर प्रभावी और सर्वमान्य रिसर्च नहीं हो सका था. लेकिन दरभंगा के डॉ.मोहन मिश्रा ने ब्राह्मी नामक पौधे से इस बीमारी के इलाज में सफलता पाई थी. उनके इस रिसर्च को ब्रिटिश जर्नल में जगह दी गई थी.

दरभंगा: देश के प्रख्यात डॉक्टर मोहन मिश्रा का निधन हो गया है. दरभंगा के लहेरियासराय स्थित बंगाली टोला आवास पर गुरुवार देर रात हृदय गति रुकने की वजह से उन्होंने अंतिम सांसें लीं. पद्मश्री डॉक्टर मोहन मिश्रा के निधन के बाद पूरे मिथिलांचल सहित चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई. डॉक्टर मोहन मिश्रा न सिर्फ भारत, बल्कि विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त डॉक्टर थे.

कई विषयों और बीमारियों पर किया था शोध

डॉ. मोहन मिश्रा के बेटे डॉ. उद्भट मिश्रा ने बताया कि उनके पिता की मौत गुरुवार देर रात हार्ट अटैक से हुई है. पिछले तीन दिनों से वो गंभीर रूप से बीमार थे, जिसके बाद गुरुवार देर रात उनका निधन हो गया. बता दें कि डॉ. मोहन मिश्रा ख्याति प्राप्त फिजिशियन थे. उन्होंने कई विषयों और बीमारियों पर शोध किया था, जिसकी वजह से भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था.