वाराणसी

काशी विद्यापीठमें बी-काम एलएलबी और गंगापुर परिसरमें पांच वर्षीय बीए एल.एल.बी. कोर्स शुरू करनेपर लगी मुहर


काशी विद्यापीठ के वाइस चांसलर प्रोफेसर टी. एन. सिंह की अध्यक्षता में विद्यापरिषद ने नये कोर्स के साथ कई संशोधन लागू किये। विश्वविद्याल परिसर में बी-कॉम, एलएलबी और गंगापुर कैंपस में पांच वर्षीय बीए, एलएलबी कोर्स शुरू होगा। इसके अलावा गंगापुर एवं एनटीपीसी कैंपस में डिप्लोमा इन साइकोथेरेपी शुरू करने पर मुहर लगी।
बैठक के दौरान १७ प्रस्ताव पर सहमति बनी। इस दौरान चार वर्षीय बीए, बीएडए, बीएससी, बीएड, बीकॉम, एलएलबी और बीए, एलएलबी समेत कई डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को संचालित करने पर सहमति बनी। रजिस्ट्रार डॉक्टर एस.एल. मौर्य ने बताया कि बीकॉम, एलएलबी एवं बीए, एलएलबी कोर्स के संचालन की अनुमति के बाद इसे बार काउंसिंल को भेजा जायेगा। इसके बाद अगले सत्र से यह पाठ्यक्रम शुरू हो जायेंगे। वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय परिसर में दिव्यांग अध्ययन विभाग खोलने पर सहमति बनी। इसके साथ ही दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए व्यावसायिक एकेडमिशियन तैयार किये जायेंगे। इसके अलावा योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र को स्वतंत्र विभाग और योग विषय में स्नातक एवं स्नातकोत्तर के रूप में संचालन की स्वीकृति मिली। उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी की मांग पर पंजाबी भाषा को उर्दू की तरह स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में लागू किया जायेगा। बैठक के दौरान रजिस्ट्रार डॉक्टर साहब लाल मौर्य सहित सभी संकायाध्यक्ष मौजूद रहे।
चार साल बाद काशी विद्यापीठमें शोध अध्यादेश में बदलाव
काशी विद्यापीठ प्रशासन ने चार साल बाद शोध अध्यादेश में बदलाव कर दिया। विद्यापरिषद की बैठक में इस पर सहमति बन गयी और संशोधनों के साथ इसे लागू कर दिया गया। नये शोध अध्यादेश में यूजीसी के नये निर्देशों को शामिल किया गया है। शोध अध्यादेश तैयार करने के लिए विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों की एक समिति गठित की गयी थी। विद्यापरिषद ने संशोधन के साथ इसको स्वीकृति प्रदान कर दी है। राजभवन की मंजूरी के बाद ही उसे लागू किया जायेगा। यह शोध अध्यादेश सम्बद्ध महाविद्यालयों पर भी लागू होगा। नया शोध अध्यादेश लागू होने के बाद होने वाली शोध की प्रवेश परीक्षा नये नियमों से संचालित होगी।
बनायी गयी समिति
शारीरिक शिक्षा विभाग के तहत बीपीएड, एमपीएड, पीजी डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी एवं योगा, सर्टिफिकेट कोर्स इन योगा फार वेलनेस एवं पीएचडी कोर्स को शारीरिक शिक्षा एवं योग विभाग के तहत संचालित किये जाने के लिए समिति बनायी गयी। समिति के निर्णय के बाद इस पर विचार किया जायेगा।