- नई दिल्ली, । केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने प्राचीन राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की मांग की है। प्रहलाद सिंह पटेल ने ये कहा है कि राम सेतु को विश्व धरोहर स्थलों की लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में प्रहलाद सिंह ने कहा हैं, ‘राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की अब मांग हो रही है। व्यक्तिगत स्तर पर, मेरा मानना है कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाना चाहिए। हमारे पास अभी तक जो भी जानकारी है, उसके आधार पर राम सेतु को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इस पर व्यापक शोध की जरूरत है और जो पहले से ही चल रहा है।”
औपचारिक घोषणा देखना बाकी है- प्रहलाद सिंह पटेल
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि अब ये देखना बाकी है कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने को लेकर औपचारिक घोषणा कैसे की जाती है। उन्होंने कहा, “मैं इस पर आगे कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि मामला विचाराधीन है।” आपको बता दें कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। बता दें कि रामसेतु दक्षिण भारत में रामेश्वरम के पास पंबन द्वीप से श्रीलंका के उत्तरी तट पर मन्नार द्वीप तक फैला है। इसमें चूना पत्थर का इस्तेमाल किया गया है।
श्री राम की वानर सेना ने बनाया था रामसेतु
महाकाव्य रामायण सहित कई प्राचीन भारतीय शास्त्रों और लाखों हिंदुओं की मान्यता के अनुसार, रामसेतु का निर्माण भगवान राम की वानर सेना ने किया था, ताकि लंका पर चढ़ाई की जा सके और माता सीता को रावण की कैद से छुड़ाया जा सके।
जब यूपीए सरकार हटाना चाहती थी रामसेतु को
आपको बता दें कि रामसेतु को लेकर एक समय बहुत बड़ा विवाद भी छिड़ गया था। ये उस वक्त की बात है, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने सेतुसमुद्रंम शिपिंग कैनल प्रोजेक्ट के लिए रामसेतु को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत मन्नार से पाल्क स्ट्रेट तक 83 किलोमीटर लंबे एक कॉरिडोर का निर्माण होना था। ये निर्माण गहरे पानी में होना था, जिसके लिए रामसेतु को हटाना पड़ता।