जयपुर। पिछले दो लोकसभा चुनावों में लगातार राजस्थान की सभी 25 सीटों पर चुनाव हार रही कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में आठ सीटें जीत लीं। कांग्रेस को मिली इस सफलता के पीछे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की रणनीति को माना जा रहा है।
विधानसभा में बुरी तरह हारने के कुछ महीने बाद ही आए इस बदलाव को पायलट अपने तरीके से देखते हैं। वह कहते हैं कि भाजपा के हाथों से कई सीटें फिसलने के कई कारण हैं, लेकिन सबसे अहम है दमन और प्रतिशोध की राजनीति। जनता ने बता दिया कि अब यह राजनीति नहीं चलेगी।
कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा- पायलट
सचिन पायलट बताते हैं कि मतदाताओं ने एनडीए सरकार के खिलाफ वोट दिया है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार फेल हो गई। मतदाताओं को एनडीए की दस साल की सरकार और भाजपा की असलियत का पता चला है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बने करीब छह महीने हो गए, लेकिन आम लोगों को राहत देने का कोई प्रयास नहीं किया गया। इस बात से मतदाताओं में नाराजगी थी। कांग्रेस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। प्रत्याशियों का चयन बेहतर ढंग से किया। लोकसभा चुनाव का शुद्ध रूप से आकलन करेंगे तो यह वोट सरकार के खिलाफ पड़े हैं।
उनका कहना है कि जिन मुद्दों को लेकर भाजपा राज्य की सत्ता में आई थी, उन पर कोई काम नहीं किया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ब्यूरोक्रेसी पर पकड़ नहीं है। भाजपा सरकार छह महीने में ही अलोकप्रिय हो गई है।
डबल इंजन की सरकार पर कसा तंज
लोकसभा चुनाव में मिले जनादेश को आप पूरे देश के लिहाज से किस तरह से देखते हैं? यह पूछने पर वह बताते हैं लोकसभा चुनाव में एनडीए को खंडित जनादेश मिला है। भाजपा की भाषण, प्रचार और प्रोपेगंड़ा की राजनीति फेल हो गई। किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। वह कहते हैं, इस परिणाम के लिए मैं जनता का कायल हो गया हूं और अपने जमीनी कार्यकर्ताओं का आभारी। वह यह कहने से भी नहीं चूके कि भाजपा हमेशा डबल इंजन की सरकार की बात करती है, लेकिन भाजपा का डबल इंजन राजस्थान, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में फेल हो गया।
सचिन पायलट का कहना है कि आम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता संघर्ष करेंगे, आंदोलन करेंगे। जहां अवसर मिलेगा, वहां आम लोगों की आवाज उठाएंगे। आम लोगों को हर तरह से राहत मिल सके, इसका प्रयास किया जाएगा। ताकि पंचायत व स्थानीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस की बढ़त बने।
हनुमान बेनीवाल की नाराजगी पर बोले सचिन पायलट
आइएनडीआइए में शामिल होकर नागौर सीट से चुनाव जीतने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने गठबंधन की बैठक में नहीं बुलाने पर नाराजगी जताई है? वह बताते हैं कि जो लोग इंडिया गठबंधन में थे, वे अब भी हैं। आने वाले समय में गठबंधन में अन्य दल भी शामिल होंगे। सब एकजुट होकर सरकार के खिलाफ संघर्ष करेंगे। इसके उलट उनका कहना है राज्य स्तर पर भाजपा में गुटबाजी है। और केंद्र में गठजोड़ की सरकार बनी है। यह गठजोड़ अधिक दिन तक चलने वाला नहीं है।