नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में पूछताछ करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सातवां समन जारी कर सकती है। इसके लिए जांच एजेंसी तैयारी में जुटी है। आज यानी 19 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने ईडी के छठे समन को नजरअंदाज करते हुए गैरकानूनी बताया था।
ED के समन अवैध हैं- AAP
इस संबंध में आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा कि ईडी (Enforcement Directorate) के समन अवैध हैं। ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में है। बार-बार समन भेजने के बजाय ईडी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। ईडी से जुड़े सूत्रों ने दावा किया कि दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल को पहले भेजे गए समन की अवज्ञा करने का दोषी पाया गया था।
कोर्ट ने माना, केजरीवाल ने किया अपराध
सूत्रों के हवाले से बताया गया कि ईडी ने जानबूझकर जारी किए गए पहले तीन समन की अवज्ञा करने के लिए अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 174 के तहत शिकायत दर्ज की है। अदालत ने इसका संज्ञान लेते हुए प्रथम दृष्टया स्वीकार किया है कि केजरीवाल ने अपराध किया है, जिसके लिए उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
कहा गया कि अदालत के सामने सवाल समन की वैधता का नहीं है, बल्कि केजरीवाल की ओर से जानबूझकर उक्त तीन समन की अवज्ञा करने का गैरकानूनी कृत्य है। सूत्रों ने कहा, इसलिए अदालत में मामला 16 मार्च के लिए सूचीबद्ध होने के बावजूद ईडी द्वारा उन्हें समन जारी करना गलत नहीं है।
व्यक्तिगत पेशी से मिली थी छूट
खास बात है कि दिल्ली की एक अदालत ने 17 फरवरी को समन की अवज्ञा करने के मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा दायर शिकायत के संबंध में केजरीवाल को उस दिन व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी थी। अदालत ने मामले को 16 मार्च के लिए टाल दिया और केजरीवाल के वकील ने अदालत को उस दिन उनकी शारीरिक उपस्थिति का आश्वासन दिया।