- काफी समय से बंद केदारनाथ मंदिर के कपाट विधि विधान से पूजा-अर्चना करने के बाद 17 मई को सुबह 5 बजे खोल दिए गए हैं. अब अगले 6 महीने तक यहां भगवान शिव की पूजा विधि पूर्वक होती रहेगी. केदारनाथ भगवान भोलेनाथ का मंदिर है. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो कि सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचाई पर स्थित है. आइये जानें इससे जुड़े कई रोचक तथ्य.
6 महीने ही होते हैं केदारनाथ के दर्शन
भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए यह मंदिर केवल 6 महीने ही खुलता है और 6 महीने बंद रहता है. इस स्थान पर बर्फबारी के कारण ऐसा किया जाता है. यह मंदिर वैशाखी के बाद खोला जाता है और दीपावली के बाद पड़वा {परुवा तिथि} को बंद किया जाता है.
6 महीने जलती है मंदिर की ज्योति
जब 6 महीने का समय पूरा होता है तो मंदिर के पुजारी इस मंदिर में एक दीपक जलाते हैं. जो कि अगले 6 महीने तक जलता रहता है. 6 महीने बाद जब यह मंदिर खोला जाता है तब यह दीपक जलता हुआ मिलता है.
पांडवों ने कराया था इस मंदिर का निर्माण :
केदारनाथ के इस मंदिर के निर्माण की कहानी पांडवों से जुड़ी है. ऐसी मान्यता है कि द्वापर में जब पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीत लिया था. तो उन्हें इस बात की ग्लानि हो रही थी कि उन्होंने अपने भाइयों, सगे-सम्बंधियों का वध किया है. उन्होंने बहुत पाप किया है. इसे लेकर वे बहुत दुखी रहा करते थे. इन पापों से मुक्ति के लिए पांडवों ने भगवान शिव के दर्शन के लिए काशी पहुंचे.