नई दिल्ली, । बुंदेलखंड में घर-घर पानी और खेत-खेत पानी पहुंचाने वाली बहुप्रतीक्षित केन व बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई। आठ वर्षों में पूरी होने वाली इस परियोजना पर तकरीबन 45 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी।इस परियोजना से जहां बुंदेलखंड के साढ़े दस लाख हेक्टेयर से अधिक रकबे में सिंचाई की सुविधा मिलने लगेगी, वहीं 62 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध होगा। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले बुंदेलखंड की सूखी धरती में पानी समाने से भूजल का स्तर भी ऊपर आ जाएगा।
10.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई तो 62 लाख लोगों को मिलेगा पेयजल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देने आए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से 103 मेगावाट पन बिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।परियोजना के क्रियान्वयन के लिए केन-बेतवा लिंक परियोजना प्राधिकरण (केबीएलपीए) नामक विशेष प्रयोजन संस्था का गठन भी किया जाएगा। परियोजना से मप्र के छतरपुर, पन्ना व टीकमगढ़ और उप्र के बांदा, महोबा, हमीरपुर और झांसी समेत अन्य जिलों के प्राय: सूखाग्रस्त और पानी की कमी वाले जिलों में कुल 10.62 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। दोनों राज्यों के इन जिलों के कुल 62 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए इन्हें नहरों से जोड़ा जाएगा।