चंडीगढ़: जहां एक तरफ ओमिक्रॉन के मामलों में उछाल आ रहा है। वहीं इसी बीच एक अच्छी खबर मिली है। बता दें कि एक विदेशी कंपनी है जिसने ये दावा किया है कि उनकी टैबलेट इस वायरस पर कारगर साबित होगी। तो चलिए आपको बताते है वो कौन सी विदेशी कम्पनी है और ये टैबलेट किस तरह इस वायरस पर प्रभावी है। ये जानना इसलिए जरूरी है इससे करोड़ों लोगों का जीवन जुड़ा है |
अब तक ओमिक्रॉन को लेकर क्या कहा जा रहा है?
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं जैसे कि मौजूदा वैक्सीन इस पर कारगार नहीं है। साथ ही ये भी बताया गया कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में केंद्र और स्वास्थ्य विभाग के लिए कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं |
अमेरिकी ड्रग निर्माता कंपनी फाइजर ने मंगलवार को कहा कि उनकी एंटीवायरल कोविड पिल पैक्सालोविड कोरोना के खिलाफ 90% प्रभावशाली होगी। इस दवाई से हाई रिस्क मरीजों को मौत या अस्पताल में भर्ती होने से बचाया जा सकता है। लैब डेटा के अनुसार यह दवाई कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट पर भी प्रभावी साबित हुई है। फाइजर ने पिछले महीने जानकारी दी थी कि यह मेडिसिन अस्पताल में भर्ती होने या मौतों को रोकने में करीब 89% असरदार थी। जानकारी के अनुसार यह आंकड़े 1200 लोगों पर दवाई का परीक्षण करने के बाद जारी किए थे और मंगलवार को नए आंकड़ों में 1000 लोगों को शामिल किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार पैक्सालोविड कोविड-19 के लक्षणों को कम करती है। टैबलेट को कोरोना के इलाज में ऐतिहासिक सफलता बताया जा रहा है। इससे मौतों की संख्या में कमी आएगी, साथ ही ज्यादातर मरीज बिना अस्पताल गए घर पर ही ठीक हो जाएंगे।