- दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने आम आदमी पार्टी सरकार (Aap Government) से राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर और टेस्टिंग सेंटर्स (Testing Centres) स्थापित करने की सोमवार को अपील की.
दिल्ली में बीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के एक दिन में 24 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं. मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली सरकार को सैंपल एकत्रित करने की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने के लिए जरूरी प्रबंध करने का भी निर्देश दिया है.
कई वकीलों ने बेंच को बताया कि उन्हें जांच कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि प्रयोगशालाओं का कहना है कि वे दो-तीन दिन बाद सैंपल एकत्रित करेंगी. इसपर अदालत ने यह आदेश दिया है. वकीलों ने दावा किया कि पहले एक दिन में एक लाख से ज्यादा जांच की जा रही थीं, जो अब घटकर 60 हजार रोजाना हो गई हैं.
कोरोना टेस्ट रिपोर्ट दिखाने पर न अड़े अस्पताल
वहीं, अस्पतालों में भर्ती कराए जाने के दौरान कोरोना पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट मांगने को लेकर हाई कोर्ट ने दिल्ली के अस्पतालों को निर्देश दिया है कि मरीजों को भर्ती करते समय कोई भी अस्पताल आरटी-पीसीआर पॉजिटिव रिपोर्ट देने की बात पर न अड़े. दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि उसका स्वास्थ्य विभाग 23 अप्रैल को सर्कुलर जारी कर शहर के अस्पतालों को ये निर्देश दे चुका है कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती करते समय कोविड पॉजिटिव जांच रिपोर्ट पेश करने की मांग पर न अड़े.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ऐलान किया कि सरकार दिल्ली शहर में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को फ्री वैक्सीन लगवाएगी और इसके लिए 1.34 करोड़ वैक्सीन की डोज की खरीद को मंजूरी दे दी गई है. केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की कीमत एक ही होनी चाहिए और उन्होंने केंद्र सरकार से कीमतें कम करने की अपील की.
दिल्ली में बीते दिन 350 मरीजों की मौत
केजरीवाल ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से कीमतें कम करने की अपील करते हुए कहा कि यह मानवता की मदद करने का समय है, लाभ कमाने का नहीं. इस बीच, दिल्ली में रविवार को कोरोना संक्रमण के 22,933 नए केस सामने आए. जबकि इस दौरान कुल 350 मरीजों की मौत हो गई. राष्ट्रीय राजधानी में पॉजिटिविटी रेट 30.21 प्रतिशत दर्ज है.