नयी दिल्ली (एजेंसी)। नये साल के करीब आते ही अब कोरोना वैक्सीन का सपना सच होते दिखने लगा है। देश में जल्द ही वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है, लेकिन उससे पहले ही देश में वैक्सीनेशन के बड़े स्तर पर तैयारी शुरू हो गयी है। सोमवार को भारत में कुछ जगहों पर वैक्सीनेशन को लेकर एक ड्राई रन किया जा रहा है, जिसमें वैक्सीन सेंटर से किसी व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाने तक पूरी प्रक्रिया को टेस्ट किया जायेगा। सरकार ने पहले ही कह दिया है कि जनवरी के किसी भी हफ्ते में देश को वैक्सीन मिल जायेगी। लेकिन किसी भी व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचने से पहले एक लंबी प्रक्रिया भी है। वैक्सीन का भंडारण, राज्यों में वैक्सीन को भेजना और फिर जिला, शहर, गांव स्तर तक उसे पहुंचाना। वैक्सीन की इसी प्रक्रिया को परखने के लिए गुजरात, पंजाब, आंध्र प्रदेश और असम में दो दिवसीय ड्राइ रन हो रहा है। ड्राइ रन से ही असली वैक्सीनेशन की तैयारी की जायेगी। डिपो से वैक्सीन की खेप अलग-अलग जिलों में भेजी जायेगी। वैक्सीन ले जाते समय तापमान का खास ख्याल रखना होगा, लिहाजा बार-बार तापमान मापा जायेगा। अभी तक हर वैक्सीन कंपनी ने अपनी वैक्सीन के लिए अलग तापमान की बात कही है। जब ये प्रक्रिया हो रही होगी, तभी जिन्हें वैक्सीन लगनी है, उन्हें एसएमएस भेजा जायेगा। उस मैसेज में वैक्सीनेशन टीम का जिक्र होगा, साथ ही वक्त और जगह का भी लिखा होगा।
कोरोना की वैक्सीन देने के लिए सरकार ने को विन ऐप भी तैयार किया है, इसे भी ड्राइ रन में परखा जा रहा है।
ड्राइ रन के दौरान जो मुश्किलें आएंगी, जो अनुभव और वक्त लगेगा, उसपर रिपोर्ट तैयार की जायेगी। जिसपर नेशनल एक्सपर्ट का ग्रुप मंथन करेगा, ताकि वैक्सीनेशन को लेकर पूरे प्लान पर अमल किया जाये।
गौरतलब है कि देश में इस वक्त तीन वैक्सीन अपने अहम पड़ाव हैं। इनमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड-शील्ड जिसे सीरम इंडिया तैयार कर रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और फाइजर की वैक्सीन, जिसके लिए इमरेंजी इस्तेमाल की इजाजत मांगी गयी है।