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खनिज के सीधे निर्यात की जगह हो उनसे बनने वाले प्रोडक्‍ट्स का एक्‍सपोर्ट: अमित शाह


नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने देश में निकलने वाले खनिजों के सीधे निर्यात के बजाय उससे बनने वाले अंतिम उत्पाद के वैश्विक बाजार में निर्यात की जरूरत बताई है। उनके अनुसार मोदी सरकार ने पिछले आठ सालों में सटीक नीति और समुचित इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर इसके लिए रास्ता साफ कर दिया है। इस सिलसिले में उन्होंने 14 क्षेत्रों में शुरू की गई पीएलआइ स्कीम (PLI Scheme) का हवाला दिया। खनिज संपदा पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए सटीक नीति निर्धारण किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस क्षेत्र को प्राथमिकता दी और इसके लिए नीतिगत सुधार किए।

एक अनुमान के अनुसार यदि खनन क्षेत्र में 1 प्रतिशत की वृद्धि होती है तो औद्योगिक उत्पादन 1.75 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसी तरह से खनन क्षेत्र में यदि एक आदमी को सीधे रोजगार मिलता है, तो परोक्ष रूप से 10 लोग रोजगार पाते हैं। उनके अनुसार पर्यटन और उड्डयन के बाद खनन सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि कई साम्राज्यों के पतन की वजह खनिज संपदा का उचित उपयोग नहीं होना था।

संप्रग सरकार ने नीलामी की पारदर्शी नीति बनाई

संप्रग सरकार के दौरान खनन और खासतौर पर कोयला ब्लाकों के आवंटन में मचे भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि उस समय पहले आओ और पहले पाओ की नीति पर कोयला ब्लाकों का आवंटन किया जाता था। मोदी सरकार आने के बाद आवंटन के लिए नीलामी की पारदर्शी नीति की व्यवस्था की गई। इसके चलते खनन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का वातारण बना और भारी निवेश आया है।