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गर्भवती महिलाओं को भी लगाई जा सकती है वैक्सीन-NTAGI


  • कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की दो डोज के बीच कितना गैप होना चाहिए, इसको लेकर वैक्सीनेशन प्रोटोकॉल (Vaccination Protocol) में फिर से बदलाव होने की संभावना है. कोविड-19 वैक्सीन पर बने एडवाइजरी ग्रुप (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्यूनाइजेशन) ने इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें की हैं.

एडवाइजरी ग्रुप ने अपनी सिफारिशों में कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीजों को ठीक होने के छह महीने बाद वैक्सीन लगाई जानी चाहिए. जबकि वैक्सीन की दो डोज के बीच का गैप मौजूदा 6 से 8 हफ्ते से बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते कर देना चाहिए. ग्रुप ने कहा कि इन सिफारिशों को स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस मसले पर स्वास्थ्य मंत्रालय जल्दी ही घोषणा करेगा.

इफेक्टिव वैक्सीनेशन के लिए NTAGI की 7 सिफारिशें

(1) ठीक होने के छह महीने बाद कोरोना के मरीजों को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी चाहिए. वर्तमान में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को 14 दिनों के बाद वैक्सीन डोज दी जा रही है. एक्सपर्ट का मानना ​​है कि यह मानव शरीर में नेचुरल एंटीबॉडी की एक्टिविटी को बढ़ावा देगा.

(2) वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद संक्रमित हुए लोगों को उनके ठीक होने के 4-8 हफ्ते बाद दूसरी डोज लगाई जानी चाहिए. वर्तमान में इन मरीजों को उनके ठीक होने के 14 दिन बाद दूसरी डोज दी जा रही है.

(3) कोरोना के इलाज के दौरान प्लाज्मा थेरेपी से गुजरने वाले मरीजों को ठीक होने के 12 हफ्ते के बाद वैक्सीन डोज दी जानी चाहिए. वर्तमान में इन मरीजों के लिए कोई खास नियम नहीं है और वे कोरोना से ठीक होने के 14 दिनों के बाद डोज लगवा रहे हैं.

(4) वो लोग जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं, उन्हें ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते के बाद वैक्सीन लगवाना चाहिए. वर्तमान में इन मरीजों के लिए कोई अलग प्रोटोकॉल नहीं है. हालांकि, एक्सपर्ट का मानना ​​है कि किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए अंतराल की जरूरत होती है.

(5) वैक्सीनेशन से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है. वैक्सीनेशन सेंटर्स पर अनावश्यक भीड़ से बचने की सिफारिश की गई है, जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने का डर है.

(6) कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच के अंतर को बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करें. वर्तमान में ये अंतराल 4-8 हफ्ते का है. लैंसेट के मुताबिक, 12 सप्ताह के गैप से वैक्सीन की प्रभावशीलता 81.3 प्रतिशत बढ़ जाएगी. यूनाइटेड किंगडम में इस प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.

(7) प्रेग्नेंट महिलाओं को एंटीनेटल सेंटर्स पर वैक्सीनेशन के लाभ और हानि के बारे में सूचित किया जाना चाहिए. साइड-इफेक्ट पर आधारित एक बुकलेट उन्हें दी जानी चाहिए. उन्हें वैक्सीनेशन का ऑप्शन भी दिया जाना चाहिए. वर्तमान में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की इजाजत नहीं है.