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गलवान में चीनी सैनिकों से झड़प के बाद निभाई थी अहम भूमिका, अब संभाला विदेश सचिव का जिम्मा


नई दिल्ली। अनुभवी राजनयिक विक्रम मिसरी ने आज भारत के नए विदेश सचिव का पदभार संभाल लिया है। 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी मिसरी ने विनय क्वात्रा का स्थान लिया।

चीन के विशेषज्ञ माने जाते हैं मिसरी

7 नवंबर 1964 को श्रीनगर में जन्में विक्रम मिसरी चीन के विशेषज्ञ माने जाते हैं। मिसरी ने ऐसे समय में महत्वपूर्ण पदभार संभाला है, जब भारत पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद चीन के साथ अपने ठंडे संबंधों सहित विभिन्न विदेश नीति चुनौतियों से निपटने की कोशिश कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर कहा, “विक्रम मिसरी ने आज विदेश सचिव का पदभार संभाल लिया। विदेश मंत्रालय की टीम ने विदेश सचिव मिसरी का गर्मजोशी से स्वागत किया है और उनके सफल कार्यकाल की कामना करता है।”

चीन में भारत के राजदूत के रूप में काम किया

बता दें कि मिसरी अपने पिछले कार्यभार में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। उन्हें तीन प्रधानमंत्रियों इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में सेवा करने का दुर्लभ गौरव प्राप्त है। उप एनएसए के रूप में नियुक्त होने से पहले, मिसरी ने 2019-2021 तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया।

गलवान में झड़प के बाद निभाई थी अहम भूमिका

माना जाता है कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद मिसरी ने बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी। गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी, जिसे दशकों में दोनों देशों के बीच आई बड़ी दरार माना जाता है।

अपने शानदार करियर में मिसरी ने स्पेन (2014-2016) और म्यांमार (2016-2018) में भारत के राजदूत के रूप में भी काम किया, इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान, अमेरिका, जर्मनी, बेल्जियम और श्रीलंका सहित कई भारतीय मिशनों में भी काम किया।