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गुजरात दंगों पर बोले अमित शाह- पीएम मोदी ने शिव के विषपान की तरह पिया झूठे आरोपों का दर्द


नई दिल्ली, । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर आज बेबाकी से अपनी बात रखी है। 20 साल के बाद शाह ने उस दंगों के असली कारणों और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे आरोपों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। गृह मंत्री ने एएनआइ को दिए एक साक्षात्कार में पीएम मोदी और कई अन्य लोगों को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट का जिक्र किया और इसको चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज करने के फैसले की भी सराहना की।

भगवान शिव की तरह जहर पिया

अमित शाह ने साक्षात्कार के दौरान यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी ने पिछले 19 वर्षों से बिना एक शब्द बोले दर्द सहा और भगवान शिव की तरह जहर निगला। उन्होंने कहा कि जैसे भगवान शंकर ने विषपान के रूप में जहर गले में उतारा था वैसे ही पीएम ने सभी दुखों को बिना कुछ कहे सहा।

खुशी हो रही-सोने की तरह चमक रहा सच

गृह मंत्री ने आगे कहा कि सच्चाई सामने आनी थी और वह आ गई है, और सोने की तरह चमक रही है। उन्होंने कहा कि इतने सालों बाद सच सामने आया है तो आनंद महसूस होना स्वाभाविक है। एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में शाह ने 2002 के दंगों के बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ “राजनीति से प्रेरित” आरोप लगाने वाले लोगों से माफी मांगने को कहा।

पीएम मोदी ने आदर्श उदाहरण पेश किया

शाह ने कहा कि लोकतंत्र में संविधान का सम्मान कैसे किया जा सकता है, मोदीजी ने राजनीति में बैठे लोगों के सामने एक आदर्श उदाहरण रखा है। जब उनसे एसआइटी द्वारा सवाल किए गए, तो कोई प्रदर्शन नहीं हुआ। मंत्री ने कहा कि अदालत के फैसले ने यह साफ किया है कि राज्य सरकार ने गुजरात दंगों को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रयास किए और सही समय पर सही फैसले लिए।

संगठित नहीं थे दंगे

मंत्री ने कहा कि दंगों की स्थिति पर कई रिपोर्ट आई थी। इससे पहले 2019 में गोधरा के बाद के दंगों पर नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट आई थी जिसे गुजरात विधानसभा में पेश किया गया था, उसमें गुजरात के तत्कालीन सीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दंगे “संगठित नहीं” थे।