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घर में पड़े सोने के लिए गोल्ड बैंक जरूरी,


मुंबई, । रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर. गांधी ने देश में गोल्ड बैंक की स्थापना का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि लोगों के पास घरों में भारी मात्रा में सोना पड़ा है जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। ऐसे में गोल्ड बैंक की अवधारणा से इस सोने के मौद्रीकरण में मदद मिलेगी। पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा कि यदि देश को अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए सोने का सफलतापूर्वक मौद्रीकरण करना है तो उसे आभूषण के रूप में घरों में रखे सोने के प्रति सोच बदलना होगा। उन्होंने कहा,’एक अनुमान के अनुसार घरों और देश के धार्मिक संस्थानों के पास लगभग 23-24 हजार टन सोना पड़ा है।’ हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मानसिकता को बदलना आसान नहीं है।

बुधवार को हुए एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए गांधी ने कहा, ‘यह समय स्वर्ण बैंक की अवधारणा को पुनर्जीवित करने का हो सकता है। यह ऐसा बैंक होगा जो स्वर्ण जमा को स्वीकार करेगा।’ गांधी ने कहा कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था को ऊंची विकास दर बनाए रखने के लिए बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। गोल्ड बैंक स्थापित करने के लिए बैंक लाइसेंस नीति समेत कुछ नियामकीय जरूरत होंगी।