जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर), । घाघरा नदी में नाव पर सवार होकर होकर सेल्फी लेने के चक्कर में संतुलन बिगाड़ने से नाव सहित उसमें सवार बच्चों समेत 14 लोग नदी में डूब गए। ग्रामीणों के प्रयास से ग्यारह को बचाया गया, जबकि तीन बच्चियों का पता नहीं चल सका। सभी लोग शादी के बाद आयोजित दावत ए वलीमा में शामिल होने आए रिश्तेदार के घर आए थे।
नदी से बाहर निकाले गए लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मौके पर राहत और बचाव कार्य में पुलिस टीम के साथ एडीएम, एसडीएम, सीओ सहित अधिकारी जुटे है। गोरखपुर से एनडीआरएफ की टीम बुलाई जा रही है।
जहांगीरगंज के बिडहर घाट के इकरार अहमद के घर पर मंगलवार को लड़के की शादी थी। बुधवार को बहू भोज(दावत ए वलीमा) कार्यक्रम का आयोजन था, जिसमें शामिल होने के लिए विभिन्न स्थानों से आए रिश्तेदार व उनके परिजन रुके हुए थे। इनमें से कुछ नाबालिग किशोर व बच्चे प्रातः गांव के निकट से गुजरी घाघरा नदी तट पर घूमने पहुंचे। नौका विहार व सेल्फी के चक्कर में वहां स्थानीय रवि व अंकुर द्वारा चलाई जा रही छोटी नाव (डोंगी-मछली पकड़ने वाली नाव) में करीब 14 लोग सवार हो गए।
नाव नदी का किनारा छोड़ा कुछ दूर आगे बढ़ी तभी बैठे किशोरों ने माेबाइल से सेल्फी लेने का प्रयास शुरू कर दिया। पानी के बहाव व खड़े होने से नाव का संतुलन बिगड़ने लगा तो उनमें से एक बचने के लिए नदी में कूद गया। देखते ही देखते नाव पलट गई और उसमें सवार सभी नदी में डूब गए। नदी के किनारे खड़े गांव के ही गुलजार ने शोर मचाया। तो मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई।
स्थानीय युवकों लालचंद, पवन व आनंद आदि ने कड़ी मशक्कत कर हंसवर के भूलेपुर निवासी आयशा, रामनगर की आसफा खातून, टांडा के फूलपुर की सबा अंजुम, राजेसुलतानपुर की मुस्कान, बिडहर के इम्तियाज, खुशबू, रोजी, सना, आसिफ व गुफरान तथा टांडा के पप्पू को बचा कर नदी से बाहर निकालने में सफल रहे। वहीं नदी में डूबी तीन बालिकाओं नेवारी की गुलजार, टांडा के रसूलपुर की नेदा व फूलपुर की सालिका का पता नहीं चल सका।
एडीएम सदानंद गुप्ता, एसडीएम सौरभ शुक्ला, क्षेत्राधिकारी राम बहादुर सिंह, थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह व पुलिस टीम की मौजूदगी में लापता बच्चियों की तलाश जारी रही। एसडीएम के मुताबिक लापता लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया जा रहा है। गोताखोत नदी में तलाश कर रहे है।