लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े ये आतंकी अब सुरंग और नदियों के किनारे से घुसपैठ के प्रयास में हैं। दो वर्ष के अंतराल के बाद 30 जून से शुरू हुई 43 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा की दृष्टि से भी ये इनपुट और महत्वपूर्ण हैं। इसमें लाखों की संख्या में हिंदू तीर्थयात्री मौजूद होते हैं।
इस साल 21 जून तक मारे गए 121 आतंकी
अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि इस साल 21 जून तक 121 आतंकी मारे गए हैं। इनमें अधिकतम संख्या ओवर ग्राउंड वर्करों की थी, जिनमें लश्कर के (68) जैश के (29) और हिजबुल के (16) शामिल थे, जबकि विदेशी आतंकियों की संख्या नदारद थी। इन आतंकियों में सात अज्ञात थे और एक इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (आइएसजेके) का था। अधिकारी ने बताया कि एलओसी से घुसपैठ के आंकड़ें देखें तो 2019 में 130, इसके बाद 2020 में 36 और 2021 में 31 है। ये आंकड़े घुसपैठ के गिरने का ट्रेंड दर्शाते हैं।
अधिकारी ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 121 आतंकवादियों में से सात की पहचान नहीं हो सकी और एक इस्लामिक स्टेट जम्मू-कश्मीर (आईएसजेके) का था। भारत और पाकिस्तान के बीच 2021 में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद से एलओसी पर कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण रही है।