चंदौली

चंदौली।विकेंड:पूर्ण लाकडाउन जैसा रहा दुश्य, सुनसान दिखी सड़कें


चंदौली। वही चारों तरफ फैला सन्नाटा, वहीं सूनसान सड़कें व गलियां, बंद दुकानों के शटर व खिड़की से बाहर के परिदृश्य को निहारती जनता। ये वहीं मंजर है जो ठीक एक वर्ष पहले कोरोना के प्रारंभिक संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा घोषित लाकडाउन के वक्त चहुंओर देखने को मिला। यह भयावह मंजर रविवार को जनपद में एक बार फिर लौट गया। कोरोना की मौजूदगी के कारण सरकार ने फिर से साप्ताहिक बंदी का निर्णय है जिस पर रविवार को अमल हुआ तो पुरानी भयावहता चहुंओर नजर आयी। शहरी व कस्बाई इलाकों में बाजारें बंद रही। गांवों के चट्टी चैराहों पर भी सन्नाटा दिखा। यदि किसी चीज की कमी थी जो वह पुलिस सायरन की। पिछले साल के मुकाबले अबकी पर पुलिस गतिविधियां सामान्य रहीं, क्योंकि अधिकांश पुलिस बल पंचायत चुनाव के लिए जनपद से बाहर है। बावजूद इसके लोगों ने सरकारी आदेश पर अमल किया और अपने-अपने घरों में पूरे दिन कैद रहे। विदित हो कि कोरोना अब पहले से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा बन चुका है। देश समेत समूचे प्रदेश में न केवल कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं बल्कि इससे मरने वालों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में बेड व आक्सीजन की कमी हो गयी है जिससे लोगों के अंदर डर व भय का माहौल हैै। शुरुआत में तो लोगों ने लापरवाही बरती, लेकिन जब अपनों को मरते देखा तो ऐलर्ट हुए, वहीं सरकार ने सख्ती का निर्णय लिया और संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए कोरोना कफ्र्यू को प्रभावी किया जिससे लोग अपने.अपने घरों में रुके, जिससे संक्रमण की भयावहता को रोका जा सके। इस क्रम में बीते शनिवार की रात जनपद में कोरोना कफ्र्यू प्रभावी कर दिया गया। इसके बाद रविवार को लोगों ने सरकार द्वारा घोषित कोरोना कफ्र्यू का पूरी तरह से पालन किया। अपनी दुकानें, प्रतिष्ठानों को बंद रखा और अपने घरों के अंदर कैद रहे। चैत नवरात्रि व रमजान का पाक महीना होने के कारण लोगों ने घरों के अंदर की पूजा.अर्चना व इबादत की। साथ ही ईश्वर से मानव कल्याण की मंगल कामना की ताकि इस भयावह बीमारी से निजात मिल सके। बात करें ग्रामीण इलाकों की तो वहां भी सड़के व चट्टी.चैराहों पर सन्नाटा नजर आया। चंदौली मुख्य मार्केट के अलावा रेलवे स्टेशन, नेशनल हाइवे पर सन्नाटा पसरा रहा। शाम होने के बाद लोग घरों से निकले, लेकिन वे अपने गली.मोहल्ले तक ही सीमित रहे। पड़ाव प्रतिनिधि के अनुसार विकेण्ड लाक डाउन के दौरान सभी लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी सिर्फ मेडिकल की ही दुकाने खुली रही। मुख्यमंत्री का आदेश था कि सिर्फ आवश्यक सेवाओं को छूट रहेगी पर ये सुुनिश्चित कौन करेगा कि किस वाहन में कौन से जरूरत समान ले जा रहा। स्थानीय चौराहे पर जांच करने के लिए कोई पुलिस का आलाधिकारी नही दिखे। जब इस बात की पुष्टि के लिए स्थानीय चौकी प्रभारी से बात की गई तो उन्होंने ने बताया कि सबकी ड्यूटी चुनाव में लगी है। वही पड़ाव से वाराणसी जाने वाले सीमावर्ती पर नजर डाले तो उस सीमावर्ती पर बेधड़क लोंगो आवागमन चलता रहा चाहे दो पहिया वाहन हो या चार पहिया वाहन बिना रोक टोक आ जा रहे थे। कोई पुलिस इनको चेक करने वाली नही दिखी। इलिया प्रतिनिधि के अनुसार विकेंड लाकडाउन के दौरान रविवार को गांव सहित चट्टी चौपालों पर एक भी व्यक्ति नहीं दिखा। सड़कों पर सिर्फ पुलिस की गाडयि़ां लोगों से अपील करती नजर आ रही थी। लोग अपने को घरो तक ही सिमित रहे। 60 वर्ष से उपर के लोग घर के बाहर कदापि न निकले। पुलिस आपकी सेवा में तत्पर है। सहित कोरोना वायरस से बचाव के मैसेज प्रसारित किए जा रहे थे। क्षेत्र की सभी दुकानें पूरी तरह बंद रही। लोग घरों में पूरे दिन दुबके रहे। एसडीएम अजय मिश्रा, थानाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी सहित पुलिसकर्मी चक्रमण करते नजर आए। इसके चलते बाजारों में जहां सन्नाटा पसरा है वही लोग घरों में दुबके कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए सैनिटाइजर, व एक मीटर की दूरी को पूरा करते दिख रहे हैं। कस्बाई बाजारों में बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार पहले रविवार को कस्बा सहित गांव से लेकर बाजार में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। राहगीर साधन के अभाव में पैदल परेशान रहे। वही दुकान न खुला होने पर लोग भूखे प्यासे पैदल जाते हुए नजर आये।