धानापुर। जनपद के चर्चित समाजवादी नेता एवं जिला पंचायत सदस्य पूर्व सैनिक अंजनी सिंह ने देश के दिनों दिन चौपट होते जा रहे हालात लचर निरंकुश शासनिक प्रशासनिक व्यवस्था अधिकारियों कर्मचारियों पुलिसकर्मियों द्वारा नागरिकों के साथ नौकर सरीखे रौबदारी भरे बर्ताव मनमाने पन पर बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखते हुवे कहा कि शासन एवं प्रशासन देश की जनता के जीवन सुख एवं सम्मान की रक्षा के लिए है ना कि भक्षण के लिए है। आम जनता गरीब शरीफ, श्रमिक, कमजोर, किसान नौजवान के साथ शासन प्रशासन अधिकारियों कर्मचारियों पुलिस बल द्वारा जिस प्रकार रवैया अपनाया जा रहा देश की एकता शांति मजबूती के लिए यह शुभ संकेत नहीं। संविधान में प्रदत्त जनता के सम्मान अधिकार को जितना तेजी से रौंदा जा रहा अत्यंत चिंतनीय है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को सीधा सीधा चोट पहुँचा रहा है। अधिकारियों कर्मचारियों को मनमाने हुक्म चलाने, रौब जमाने आम जनता के सम्मान से खेलने का भारतीय संविधान कत्तई इजाजत नहीं देता। गाँव हो या नगर शहर आम जनमानस की पीड़ा सुनकर आत्मा व्यथित हो जाती है। एक साधारण से कार्य के लिए जनता को अधिकारियों कर्मचारियों कार्यालयों के चक्कर काट काटकर थक जाना पड़ता है। अंतत: अपने हक के लिए भी घूस देकर हाँथ पाँव जोड़कर समझौता करना पड़ता है। कार्यालय में बैठे लोगों का व्यवहार किसी राजा से कम नहीं होता। जनता उनके आगे विवश लाचार नौकर जैसे गिड़गिड़ाने को मजबूर रहती है जिस प्रकार बड़ी तेजी से अधिकारियों कर्मचारियों नेताओं का व्यवहार जनता के प्रति दुव्र्यवहार रूप में बदल रहा यह भारतीय संविधान और आजादी की अवमानना है। जनता अपने अधिकारों से वाकिफ नहीं होती। जनता को अपने संवैधानिक अधिकार सम्मान एवं दूसरे नागरिकों के प्रति कर्तव्य को लेकर आत्मिक रूप से जागरूक होना होगा