चंदौली। शनिवार से चैत्र नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। जिसको लेकर बाजारों में पूजन सामग्रियों की दुकानें सजी रही। जहां पर लोगों ने पूजन सामग्रियों की खरीददारी की गयी। शनिवार को मां के कलश स्थापना के साथ ही उनकी घर-घर पूजा अर्चना होगी। घरों में पूजा अर्चना की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की अराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल है। मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं। नवरात्र में कलश स्थापना के लिये प्रतिपदा तिथि में स्नानादि से निवृत होकर पूजा स्थल को शुद्ध कर लें। इसके बाद लकड़ी के एक आसन पर लाल रंग का वस्त्र बिछायें। वस्त्र पर श्री गणेश जी का स्मरण करते हुये थोड़े चावल रखें। अब मिट्टी की वेदी बनाकर उस पर जौ बोयें, फिर इस पर जल से भरा मिट्टी, सोने या तांबे का कलश विधिवत स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊँ बनायें। कलश के मुख पर रक्षा सूत्र भी बांधना चाहिये साथ ही कलश में सुपारी, सिक्का, डालकर पंच पल्लव अर्थात आम, पीपल, पाकड़, गूलर, बरगद के पत्ते रखने चाहिये। अब कलश के मुख को ढक्कन से ढक कर इसे चावल से भर देना चाहिये। एक नारियल लेकर उस पर चुनरी लपेटें व रक्षा सूत्र से बांध दें।