उत्तर प्रदेश वाराणसी

चंद्रयान-३ ने खोजे सात खनिज, जल्द लॉन्च होगा चंद्रयान-४ – डॉक्टर वी. नारायणन


इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर वी. नारायणन ने कहा कि चंद्रयान-३ ने चंद्रमा पर सात प्रकार के खनिज खोजे हैं, जिनमें आयरन, मैंगनीज और सिलिकॉन प्रमुख हैं। इसके अलावा चंद्रमा की भूकंपीय गतिविधियों का भी अध्ययन हुआ है, जिसमें कई स्थानों पर कंपन दर्ज किये गये। इलेक्ट्रॉन क्लाउड की खोज ने वैज्ञानिकों के लिए नयी संभावनाएं खोली हैं। आईआईटी बीएचयू के १४वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे डॉक्टर वी. नारायणन ने बताया कि चंद्रयान-४ एक सैंपल रिटर्न मिशन होगा, जो चंद्रमा से नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर लायेगा। इसका लैंडर करीब ६८०० किलोग्राम का और रोवर ३५० किलोग्राम का होगा, जिसकी आयु १०० दिनों की होगी। वहीं, चंद्रयान-५ भारत-जापान का संयुक्त मिशन है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि नवंबर में एक नया संचार उपग्रह प्रक्षेपित किया जायेगा, जो देश की दूरसंचार आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इसके अलावा अमेरिका के लिए भी एक वाणिज्यिक उपग्रह लॉन्च की योजना है। इसी वर्ष पहले मानव रहित मिशन के प्रक्षेपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एलएंडटी और एचएएल द्वारा निर्मित पहला पीएसएलवी रॉकेट इस वित्तीय वर्ष के अंत तक तैयार होगा। डॉक्टर नारायणन ने बताया कि इसरो अब इलेक्ट्रिक प्रणोदन, क्वांटम संचार जैसी ३० से अधिक नयी तकनीकों पर काम कर रहा है, जिससे देश की खाद्य, जल, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसी जरूरतों में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डेढ़ वर्ष में भारत को अपना स्वदेशी सिग्नल सिस्टम मिल जायेगा और वर्ष २०३५ तक भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित हो जायेगा। इसरो आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान लगाने और आपदा प्रबंधन में सुधार लाने के लिए भी कार्यरत है। डॉक्टर नारायणन ने कहा कि अब हमारे सैटेलाइट डेटा की मदद से प्रशासन को लैंडफॉल से पहले चेतावनी मिल जाती है, जिससे नुकसान काफी कम होता है। भविष्य में भारत न केवल अंतरिक्ष तकनीक में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि विश्व का अग्रणी देश भी होगा।