पटना बिहार

चिराग को लेकर एनडीए में फंसा पेंच, १३ को होगा सीट शेयरिंग का ऐलान


भाजपा-जदयू के गढ़में सीट मांगनेसे बढ़ी परेशानी
डेहरी ऑन सोन (आससे)। केंद्रीय मंत्री बीजेपी के हनुमान चिराग पासवान इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार का लंका में आग नहीं लगाएंगे। वे उनके साथ मिलकर चुनावी नैया पार करने में मददगार होंगे। लेकिन स्वर्गीय रामविलास पासवान का सपना वह पूरा नहीं कर पाए। अपने कई भाषणों में चिराग पासवान बिहार चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं ।अधिक सीटों के मांग को लेकर एनडीए में खींचतान जारी है। बिहार के पांच सांसद को जीतने पर चिराग पासवान को बिहार चुनाव में अधिक सीट मांगना जायज है। एक लोकसभा चुनाव में करीब छह विधानसभा आते हैं ।वैसे में देखा जाए तो 30 सीट होती है। इसी को देखते हुए मौसम वैज्ञानिक पुत्र चिराग पासवान का हक बनता है कि एनडीए उन्हें 30 सीट दे। एनडीए में सीटों को लेकर खींचतान का कारण यह है कि चिराग पासवान वैसे सीटों की मांग कर रहे हैं जहां पहले से जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी चुनाव जीतते आ रही है। अब बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड अपने घटक दलों चिराग पासवान, जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा को पहले सीटों के बंटवारा कर दे। बची हुई सीटों पर बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड आपस में मिल कर सीटें बांट चुनाव लड़ेंगे। एलजेपी गोविंदगंज सीट से प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को लड़नाचाह रही है। इस पर बीजेपी सहमत नहीं है ।चिराग ब्रह्मपुर से हुलास पांडे का टिकट मांग रही है। बीजेपी इस सीट से संतोष राय को मैदान में उतरना चाह रही है। चिराग ने जो सूची एनडीए को दी है वह महनार, महुआ, मुरवा, अलौली, भागलपुर सदर ,बख्तियारपुर अतरी, ओबरा, शेखपुरा अरवल और जहानाबाद शामिल है। जहां बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाह रही है।
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