पटना

बेगूसराय: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आदेश को किया जा रहा नजरअंदाज


प्रश्न पत्र एक परीक्षा के अलग-अलग डेट

बेगूसराय (अससे)। इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा मजाक बन कर रह गई। बताते चलें कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पूरे राज्य भर में 19 अक्टूबर से इंटरमीडिएट सेंटप परीक्षा की तिथि निर्धारित की थी। लेकिन जिला स्तर पर इसे नजरअंदाज कर +2 विद्यालय प्रधान एवं कॉलेज के प्राचार्य अपने तरीके से इंटर सेंटअप परीक्षा लेते देखे गए। अर्थात, प्रश्न पत्र एक लेकिन परीक्षा के अलग-अलग डेट। इसलिए कहा जा रहा है कि जिले में कई +2 विद्यालय प्रधान एवं कॉलेज के प्राचार्य ने 22 अक्टूबर से इंटरमीडिएट परीक्षा का संचालन की।

बताते चलें कि जो प्रश्न पत्र 20 अक्टूबर को विज्ञान संकाय के भौतिकी विषय के प्रश्न पत्र की परीक्षा हुई। उसी प्रश्न पत्र से 22 अक्टूबर को परीक्षा हुई। वही किसी एक विषय की बात नहीं है बल्कि इंटरमीडिएट से संबंधित कई विषयों की परीक्षा का आयोजन 19 अक्टूबर से ही हो चुका था। लेकिन 22 अक्टूबर को छात्रों के पास पूर्व से ही प्रश्न पत्र उपलब्ध हो गए। कई छात्र-छात्राओं ने बताया कि इस तरह की सेंटअप परीक्षा नहीं होनी चाहिए। इससे पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का मनोबल टूटता है।

सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि छात्र-छात्राएं उत्तर लिखकर गए और उत्तर पुस्तिका पर लिख कर चलते बने। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि छात्र-छात्राओं का कैसी मूल्यांकन शिक्षा विभाग कर रही है? यह एक सोचनीय पहलू है। वही मिली जानकारी के अनुसार कुछ ऐसे भी कॉलेज एवं +2 विद्यालय हैं जहां पर पंचायत चुनाव से संदर्भित कार्य भी चल रहे हैं। इसी को लेकर परीक्षा अलग तिथि में ली गई है।

लेकिन सवाल उठना लाजमी है कि पंचायत चुनाव का तिथि जब निर्धारित थी तो फिर उसी के अनुसार से इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा का आयोजन एक तिथि में पूरे जिले में क्यों नहीं आयोजित की गई? जिससे प्रश्न पत्र की गोपनीयता बनी रहती। लेकिन परीक्षा की गोपनीयता भंग होने की वजह से पढ़ने लिखने वाले छात्रों का मनोबल जरूर टूटा है। क्या छात्र-छात्राओं को परीक्षा का कॉलम पूरा करवाना ही मकसद था। क्या इससे छात्रों के भविष्य बेहतर हो सकते हैं? यह एक सोचनीय पहलू जरूर है।