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‘छिन जाता है जीवनसाथी चुनने का अधिकार’, बाल विवाह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को बाल विवाह निषेध अधिनियम को लेकर सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश में हो रहे बाल विवाह के मुद्दे पर कड़ी नाराजगी जताई है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश में हो रहे बाल विवाह पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम को पर्सनल लॉ से नहीं रोका जा सकता और बच्चों से जुड़ी शादियां अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्र इच्छा का उल्लंघन करती हैं। CJI ने कहा कि अधिकारियों को बाल विवाह रोकथाम और नाबालिगों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम को पर्सनल लॉ से नहीं रोका जा सकता और बाल विवाह अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने की स्वतंत्र इच्छा का उल्लंघन करती हैं। CJI ने कहा कि सबको अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार है।