कानपुर (हि.स.)। किसी विभाग की लापरवाही इस हद तक जा सकती है कि वह देश के मोस्ट वाटेंड अपराधियों के नाम पर डाक टिकट जारी कर सकता है। यह किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा। यह कारनामा उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के डाक विभाग द्वारा साकार करके सभी को हैरत में डाल दिया है। यहां स्थानीय डाक अफसरों व कर्मियों ने माफिया डॉन छोटा राजन व मुन्ना बजरंगी के नाम पर डाक टिकट जारी किए हैं। इस घोर लापरवाही पर अब पोस्ट मास्टमर जनरल कानपुर परिक्षेत्र पर्दा डालने में लगे हुए हैं। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही जा रही है। प्रकरण के तूल पकडऩे पर पोस्ट मास्टर जनरल ने डाक सहायक को निलम्बित कर दिया है। दरअसल, भारतीय डाक विभाग की माई स्टैंप योजना है। इस योजना को देखने के लिए फिलेटली अनुभाग बनाया गया है। इस योजना के तहत किसी भी टिकट पर अपना नाम व फोटो लगाए जाने के लिए आवेदन किया जाता है। बीते दिनों यहां पर शहर के एक युवक द्वारा आवेदन किया गया। युवक ने ताजमहल की डाक टिकट पर माफिया डॉन छोटा राजन (राजेंद्र एस निखलजे) व कुख्यात मुन्ना बजरंगी (प्रेमप्रकाश सिंह) की फोटो देकर टिकट बनाए जाने का आवेदन किया। आवेदक इसके लिए निर्धारित शुल्क 600 रुपये भी जमा कर दी। हैरत की बात यह है कि अनुभाग के प्रभारी रजनीश कुमार ने आवेदक द्वारा दिए गए फोटो, नाम व अन्य जरुरी दस्तावेजों की जांच नहीं की और देश के मोस्ट वांटेड अपराधी छोटा राजन व उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में अपराध के लिए कुख्यात रहे मुन्ना बजरंगी के फोटो वाला टिकट छाप दिए। इस तरह से डाक विभाग ने पांच रुपये वाले 12 डाक टिकट छोटा राजन और 12 टिकट मुन्ना बजरंगी के छापकर जारी किए हैं। माफिया डॉन व कुख्यात के डाक टिकट जारी होने के प्रकरण में कानपुर परिक्षेत्र के पोस्ट मास्टर जनरल वीके वर्मा ने बताया कि माई स्टैम्प योजना के तहत कल्याणपुर के एक युवक द्वारा आवेदन किया गया था। आवेदन प्रक्रिया के तहत सभी दस्तावेजों को जमा किए गए थे। योजना के तहत नियमता सभी मानकों को पूरा कराते हुए ही टिकट जारी होते हैं। फिलहाल किसी माफिया डॉन व अपराधी के टिकट तैयार होने की बात मेरे संज्ञान में नहीं है। फिलहाल जांच कर कार्रवाई की जाएगी। डाक विभाग की माई स्टैम्प योजना के लिए फिलेटली अनुभाग बनाया गया है। कानपुर की मुख्य डाक कार्यालय में इसका कार्यालय है। यहां के प्रभारी रजनीश कुमार है। इनके खिलाफ प्रारंभिक विभागीय जांच शुरु कर दी गयी है। साथ ही जिम्मेदार डाक सहायक को निलंबित कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने 2017 में माई स्टैंप योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत 300 रुपये शुल्क जमा कर कोई भी व्यक्ति अपनी या अपने परिजनों की तस्वीरों वाले 12 डाक टिकट जारी करवा सकते हैं। ये डाक टिकट अन्य डाक टिकटों की तरह मान्य होते हैं। इन डाक टिकटों को चिपका कर आप देश के किसी भी जगह अपने रिश्तेदार या परिचित को डाक भेज सकते हैं। हालांकि जानकारों की माने तो यह योजना काफी संवेदनशील है और थोड़ी से चूक ही डाक फिलेटली अनुभाग के प्रभारी रजनीश कुमार के लिए गले की फांस बन गया है। अगर उन्होंने समय रहते आवदेक सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की होती तो डाक विभाग कानपुर पर कलंक लगने की नौबत ही न आती।