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जनप्रतिनिधियों का अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा, Dy CM केशव, मंत्री शाही तथा सांसद बृजभूषण असहाय


 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कुछ शहरों में जिला प्रशासन की करनी पर जनप्रतिनिधि तो अब अपना आपा तक खो दे रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गोंडा तथा अम्बेडकरनगर के साथ ही अलीगढ़ में तमाम कमी देखने के बाद जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ अपना मुंह खोला है। प्रयागराज में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Dy CM Keshav Prasad Maurya) ने भी अधिकारियों को उदासीन बताया है।

योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता सूर्य प्रताप शाही (Surya Pratap Shahi) बेहद सौम्य स्वाभाव के व्यक्ति हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के आगमन से पहले शहर की व्यवस्था देखने के बाद वह काफी बिफर पड़े।

गोंडा में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र (Flood in Gonda) में फंसे लोगों के बीच पहुंचे कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जब बाढ़ राहत कार्य में जिला प्रशासन की भूमिका के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि मत ही पूछिए तो अच्छा है। यहां तो बोलती ही बंद है, कुछ बोलेंगे तो बागी कहलाएंगे और सुझाव देंगे तो माना ही नहीं जाएगा। इसी कारण चुप रहिए।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का प्रयागराज में दो दिन के प्रवास में बेहद ही खराब अनुभव रहा। अधिकारियों की निष्क्रियता से वह काफी हैरान दिखे और इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की।

अलीगढ़ के अफसर करते हैं हरामखोरी

योगी आदित्यनाथ सरकार में कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग के मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने अलीगढ़ के जिला प्रशासन के साथ ही यहां के जनप्रतिनिधियों को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जनता परेशान है और अलीगढ़ के जन प्रतिनिधि सोते रहते हैं।

इतना ही नहीं शहर की खराब व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि यहां पर तो अफसर हरामखोरी करते हैं। वह शुक्रवार सुबह शहर का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान सर्किट हाउस में अव्यवस्थाओं पर उन्होंने नाराजगी जताई। शहर की सफाई व्यवस्था देखी। इसके बाद कासगंज के लिए रवाना हो गए।

गोंडा में सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- हम तो रो भी नहीं पा रहे

गोंडा में गुरुवार को बाढ़ से प्रभावित इलाकों का ट्रैक्टर से भ्रमण करने के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह मीडिया कर्मियों से भी मिले। इस दौरान जब उनके बाढ़ राहत की व्ययस्था के बारे में पूछा गया तो साफ कहा कि कुछ मत पूछिए तो ही अच्छा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तो नकारा है। यहां पर तो सब भगवान भरोसे ही है। लोग तो अब वर्षा के रुकने का इंतजार कर रहे हैं। यहां पर अब तो जब पानी रुकेगा तभी राहत मिलेगी।

बृजभूषण शरण सिंह ने जब बाढ़ राहत कार्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जीवन में इससे खराब इंतजाम नहीं देखा। लोगों को हमारे समर्थकों ने ट्रैक्टर ट्राली पर बैठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। हम भी तो ट्रैक्टर पर बैठकर ही क्षेत्र में घूम रहे हैं।

घरों तक बाढ़ का पानी पहुंचा है। दो दशक बाद बाढ़ इतनी विकराल हुई और जिला प्रशासन मस्त है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के इंतजाम के लिए जून या जुलाई में तैयारी हो जानी चाहिए, लेकिन यहां नहीं है।

उनकी तो बोलती ही बंद

सांसद से जब पूछा गया कि आपकी सलाह क्या है, तो उन्होंने कहा कि उनकी तो बोलती ही बंद है। अगर कुछ बोलेंगे तो बागी कहलाएंगे। अगर हम कोई सुझाव देंगे तो उसपर अमल नहीं होगा, इसलिए बेहतर है हम चुप ही रहें। हम अपनी सरकार के खिलाफ क्या बोलें। बाढ़ के कारण कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भी गोंडा में अपने आवास पर जाने के लिए ढेमवा रोड पर मंहगूपुर गांव के पास ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा।

जनता के लखनऊ जाने का मतलब ईमानदारी से काम नहीं कर रहे अधिकारी

प्रयागराज में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को कार्यप्रणाली सुधारने की हिदायत दी है। उन्होंने शुक्रवार की सुबह सर्किट हाउस में जनसमस्याएं सुनीं। अधिकतर समस्या बिजली, पानी, चिकित्सा, सड़क से जुड़ी थी। उप मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को उसे 24 घंटे के अंदर निस्तारित करने का निर्देश दिया। कहा कि हमारे लिए जनता सर्वोपरि है।

jagranसमाज के अंतिम व्यक्ति को अधिकार, सम्मान व समस्त सुविधा दिलाना मोदी-योगी सरकार का लक्ष्य है। अधिकारी उसी मंशा के अनुरूप काम करें। कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी समस्या निस्तारित कराने के लिए लखनऊ का चक्कर काटता है तो इसका मतलब उस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को चिह्नित करके कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य जनता की परेशानी दूर करना होना चाहिए, न कि उन्हें परेशान करना।