- जम्मू एयरबेस (Jammu Airbase) पर ड्रोन हमले (Drone Attack) में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिंक रिपोर्ट (Forensic Report) में खुलासा हुआ है कि आईईडी में आरडीएक्स और नाइट्रेट था. हर आईईडी डेढ़ किलो का था. हमले में जीपीएस ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. सेना को शक है कि हमले में चीनी ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है.
फारेंसिक रिपोर्ट सामने आने के बाद एनएसजी का एंटी ड्रोन जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर प्रभावी हो गया है. लेजर तकनीकी से ड्रोन को गिराया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि जम्मू एयरबेस पर दो ड्रोन के जरिए दो आईईडी गिराए थे. एक आईईडी बड़ा था और इसका मकसद एयरबेस के बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था.
अब तक 5 बार देखे गए ड्रोन
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 26-27 जून की रात को ड्रोन से दो बार हमले हुए थे. हालांकि, इन हमलों में कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन ये पहली बार था जब ड्रोन से आतंकी हमला हुआ था. इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में लगातार ड्रोन देखे जा रहे हैं. अब तक 5 बार ड्रोन देखे जा चुके हैं.
हाल ही में शुक्रवार को इंटरनेशनल बॉर्डर पर अरनिया सेक्टर के पास ड्रोन देखा गया था. जम्मू एयरबेस अटैक के अगले दिन ही कालुचक मिलिट्री स्टेशन के पास भी ड्रोन नजर आया था. इनके अलावा कालुचक, मिरां साहिब और कुंजवानी इलाके में भी ड्रोन एक्टिविटी) देखी जा चुकी है.
जम्मू एयरबेस अटैक ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि तो हो चुकी है, लेकिन एयरबेस से ड्रोन के सबूत नहीं मिले हैं. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि हमलों के बाद ड्रोन वापस लौट गए होंगे. इस हमले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है, जो पूरे मामले की जांच कर रही हैं.
इस्लामाबाद में भारतीय हाईकमीशन पर भी दिखा ड्रोन
इससे पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारतीय हाईकमीशन में भी ड्रोन देखा गया था. भारत ने इसे सुरक्षा में सेंध करार देते हुए पाकिस्तान को घेरा है. बताया जा रहा है कि इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के अंदर रविवार रात को ड्रोन देखा गया था. भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पाकिस्तान सरकार से कड़ी आपत्ति जताई.