- उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगे के चलते राष्ट्रीय लोकदल के खिसके सियासी आधार को दोबारा से हासिल करने के लिए पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ हाथ मिलाकर जयंत चौधरी ने पश्चिम यूपी में जाट-मुस्लिम समीकरण को दोबारा से मजबूत बनाने के लिए खुद जमीन पर उतरने का फैसला किया है.
सूबे में अगले महीने 7 अक्टूबर को हापुड़ के नूरपुर में जयंत चौधरी पहली जनसभा को संबोधित करेंगे, जिसे 2022 के चुनाव अभियान के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है. इसी दिन शाम को वो दूसरी जनसभा अलीगढ़ के खैर में संबोधित करेंगे. जयंत चौधरी का यह सिलसिला 30 अक्तूबर तक पश्चिम यूपी में जारी रहेगा. 23 दिनों में 17 जनसभाएं करने की रूप रेखा जयंत चौधरी ने बनाई है और हर दिन दो रैलियों को संबोधित करेंगे.
बता दें कि किसान आंदोलन की बदौलत यूपी पंचायत चुनाव में परवान चढ़ा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी का सियासी रंग विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही और चटख होने लगा है. जयंत चौधरी अपने सियासी प्रभाव वाले पश्चिम यूपी में राजनीतिक आधार मजबूत करने की कवायद में जुटे हैं. पश्चिम यूपी के तमाम जिलों में चयंत चौधरी जनता के बीच जाकर उनकी पीड़ा जानेंगे और जीत के लिए समर्थन मांगेंगे.