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जयशंकर की टिप्‍पणी पर अमेरिका ने दी नसीहत,


 नई दिल्ली। अमेरिका ने पाकिस्तान को दो टूक सलाह दी है कि वह भारत के साथ अपने रिश्तों को लेकर जिम्मेदारीपूर्ण रवैया अपनाए। अमेरिका के साथ अपने संबंधों को पटरी पर लाने में जुटे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को यह सलाह उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने दी है। भुट्टो अभी अमेरिका में हैं, जहां उनकी ब्लिंकन से द्विपक्षीय वार्ता हुई है। ब्लिंकन ने यह बात तब कही है, जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अमेरिका में हैं।

पाकिस्तान को एफ-16 खरीद के लिए आर्थिक पैकेज देने का विरोध

भुट्टो- ब्लिंकन मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद जयशंकर-ब्लिंकन की भी मुलाकात हुई है। जयशंकर की अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के साथ भी द्विपक्षीय बैठक पेंटागन में हुई है। जानकार यह भी मान रहे हैं कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को एफ-16 खरीद के लिए आर्थिक पैकेज देने का विरोध जयशंकर ने जिस तल्खी से की है उसका भी असर ब्लिंकन पर हो सकता है।

पाकिस्तान को उसके ऊपर चीन के बढ़ते आर्थिक कर्ज को लेकर भी अमेरिका से सुननी पड़ी है। भुट्टा के साथ बैठक के बाद ब्लिंकन ने कहा, ‘हमने पाक के विदेश मंत्री के साथ यह बात की है कि भारत के साथ एक जिम्मेदारी भरा रिश्ता कितना जरूरी है। हमने यह भी आग्रह किया है कि पाकिस्तान चीन से बकाये कर्ज में छूट को लेकर बात करे ताकि वह बाढ़ की विभीषिका से जल्दी बाहर आ सके।’

सार्वजनिक मंच से पाक को पहली बार नसीहत

हाल के वर्षों में पहला मौका है जब अमेरिकी विदेश मंत्री ने सार्वजनिक मंच से पाकिस्तान को भारत के साथ रिश्तों को लेकर परोक्ष तौर पर सलाह दी है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान में हाल ही में सत्ता परिवर्तन होने के बाद भारत के साथ रिश्तों पर पुनर्विचार की बातें हो रही हैं। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ कूटनीतिक दर्जा घटा दिया है और कारोबारी रिश्तों को समाप्त कर दिया है। अमेरिका से अपने रिश्तों को सुधारने में विदेश मंत्री भुट्टो कितने सफल हुए, यह तो अभी साफ नहीं है लेकिन भारत-अमेरिका के रिश्तों की मजबूती लगातार बढ़ रही है।

अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई हैं वैश्विक स्थितियां

मंगलवार को विदेश मंत्री जयशंकर का स्वागत रक्षा मंत्री आस्टिन ने अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन में किया। जयशंकर और आस्टिन इस बात पर सहमत थे कि मौजूदा दौर में वैश्विक स्थितियां, विशेषतौर पर हिंद प्रशांत क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं। यह टिप्पणी इस मायने में अहम क्योंकि क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये में लगातार वृद्धि हो रही है। बाद में पेंटागन की तरफ से बताया गया कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने पर बात हुई है। साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर भारत की भूमिका और महत्वपूर्ण बनाने से जुड़े तथ्यों पर भी बात हुई है।

जल्द ही भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को लेकर एक नई व्यवस्था के तहत वार्ता शुरू की जाएगी। इसमें अंतरिक्ष, साइबर, आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस व दूसरी तकनीक पर किस तरह से सहयोग को प्रगाढ़ किया जाएगा, इसका रास्ता निकाला जाएगा। पेंटागन ने यह भी कहा है कि वह भारत जैसे दूसरे सैन्य सहयोगियों के साथ हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग को और मजबूत करने के लिए कदम उठाएगा। जयशंकर ने अमेरिकी वाणिज्य मंत्री गिना रेयमोंडो से भी की मुलाकात। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा हुई।