- नई दिल्ली: थल और वायु के बाद हमारी जल सेना की ताकत में जल्द इजाफा होने वाला है। न्यूक्लियर अटैक करने वाली पनडुब्बियां तैयार होने वाली हैं। साथ ही इसका 90 फीसदी निर्माण हमारे देश में ही होगा। खुशी की बात यह है कि भारत की पहली तीन न्यूक्लियर अटैक पनडुब्बियां पूरी तरह से मेड इन इंडिया होने जा रही हैं।
सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी इन पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जिन्हें विशाखापत्तनम में डीआरडीओ बनाएगी।
इसके साथ ही खबर है कि अब पैंगोंग-त्सो झील में हमारी सेना नई नवेली वोट पे बैठकर निगरानी करेगी। आईटीबीपी के जवान पेट्रोलिंग के लिए जिन बोट का इस्तेमाल करते हैं, अब नई वोट का डिजाइन और लंबाई उससे भी ज्यादा बड़ा होगा।
साल 2020 में एलएसी पर चीन से चल रहे टकराव के बीच भारत ने पैंगोंग-त्सो लेक में पैट्रोलिंग के लिए 29 नई बोट्स का ऑर्डर दिया था। 12 बोट्स का ऑर्डर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड को दिया गया था और 17 बोट का ऑर्डर एक प्राइवेट शिपयार्ड को दिया गया। गोवा शिपयार्ड में तैयार हो रही हैं फास्ट पैट्रोलिंग बोट्स मशीन-गन और सर्विलांस-गियर से लैस हैं, जिन्हें पैट्रोलिंग और निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।