पटना

जहानाबाद से अगवा छात्रा 32 माह बाद राजस्थान से हुई बरामद


      • प्रेम-प्रसंग में कहीं चले जाने का अनुमान लगा पुलिस कर रही थी अनुसंधान
      • दलाल के हाथों तीन जगहों पर बेच दिए जाने का निकला मामला

जहानाबाद। जिले में एक फ़ौजी की बहन को अगवा कर दलालों द्वारा तीन जगहों पर बेच दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि छात्रा इस दरम्यान दो बच्चों की माँ भी बन गयी और इधर परिजन पुलिस के दरवाजे पर माथा टेकते रह गये। मामला जून 2018 में शहर के पूर्वी गांधी मैदान से अपहृत हुई एक लड़की का है। युवती किराए के मकान में रहती थी और 32 माह पूर्व कथित अपहृत की गई थी। करीब ढाई साल से ज्यादा बीत जाने के बाद अब जाकर पुलिस ने छात्रा को राजस्थान के दौसा थानातंर्गत गंगलयावाश गांव से बरामद किया है।

उसकी बरामदगी लड़की के द्वारा अपने भाई के पास किए गए फ़ोन के बाद उसके भाई की सक्रियता से राजस्थान की पुलिस ने किया है। सूचना पाकर नगर थाने के एसआई रंजन कुमार महिला पुलिसकर्मी के साथ वहां गए हुए हैं और बरामद युवती को जहानाबाद लाया जा रहा है। गंगलयावाश गांव के जिस घर से लड़की को बरामद किया गया है, वहां से दो मासूम बच्चे भी मिले हैं। वहीं घर के अन्य लोग फ़रार बताये जा रहे हैं।

क्या कहते है थानाधयक्ष

इस बाबत नगर थानाध्यक्ष रवि भूषण ने बताया लड़की की बरामदगी हो गई है। लड़की का बयान दर्ज होने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा। उन्होंने बताया कि 17 जून 2018 को नगर थाने में इस बाबत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। नगर थाना कांड संख्या 482ध18 में चार लोगों नामजद बनाया गया था। उन्होंने बताया कि लड़की ने अपने भाई को फ़ोन किया था, जिसके आधार पर राजस्थान से लडकी की बरामदगी की गई है। लड़की के 164 के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी और नामजद अभियुक्तों की अविलम्ब गिरफ्तारी होगी।

क्या है पूरा मामला

दरअसल में मखदुमपुर थाना क्षेत्र के एक गाँव के मूल निवासी शहर के गांधी मैदान में किराए के मकान में अपनी पत्नी और बच्ची के साथ रह रहे थे। 14 जून 2018 को एक बजे दिन में उनकी बेटी घर से निकली थी, जो कभी वापस नहीं लौटी। पिता के अनुसार 18-19 वर्षीया उनकी लड़की ने उस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दी थी। उन्होंने पुलिस को बताया था कि 14 जून को उनकी बेटी के घर से निकलने के पूर्व किसी ने उनके घर के एक मोबाइल नंबर पर फ़ोन किया था, जिसका नंबर डिलीट हो गया था। प्राथमिकी के सूचक ने धामकाकर या बहला-फ़ुसलाकर अपनी पुत्री को कहीं छिपा देने का आरोप लगाया था। इसके बाद 16 जून को उनके मकान मालिक के मोबाइल फ़ोन पर एक और नंबर से कॉल आया, जिसमें धमकी दी गई थी कि लड़की की खोज नहीं करो वरना अंजाम बुरा होगा।

धमकी भरा फ़ोन करने वाले व्यक्ति के मोबाइल नंबर को आरोपित करते हुए पुलिस मामले का अनुसंधान कर रही थी, लेकिन पुलिस को कुछ भी पता नहीं चल रहा था। कहा जाता है कि पुलिस प्रेम-प्रसंग में लड़की के कहीं चले जाने का अनुमान लगा स्वतः उसके वापस लौट आने की संभावना के तहत एक तरह से मामले का अनुसंधान नही के बराबर कर रही थी।

ढाई साल बाद एक फ़ोन कॉल से मिला सुराग

ढाई साल से ज्यादा बीत जाने के बाद पुलिस के अनुमान से उलट यह मामला लड़की अपहरण कर उसे बेच दिये जाने का निकला। बताया जा रहा कि युवती को यूपी के नोएडा में ले जाया गया था। फि़र उसे राजस्थान के  कोटपुत्री में ले जाया गया। इसके बाद राजस्थान के ही दौसा थाना अंतर्गत गंगलयावाश गांव में उसे रखा गया था। बताया जाता है कि उक्त लड़की दलालों के गिरफ्त में थी। इस बीच तीन-चार दिन पूर्व उसे कहीं से मोबाइल फ़ोन उपलब्ध हो गया। उसने जहानाबाद स्थित अपने भाई के पास फ़ोन किया और अपने साथ हुई घटना की सारी जानकारी दी।

फ़ोन कॉल के बाद युवती का भाई सक्रिय हुआ और उसने राजस्थान पुलिस से संपर्क स्थापित किया। इधर नगर थाने की पुलिस को भी सूचना दी गई। पुलिस के संयुक्त प्रयास से 32 माह पूर्व लापता लड़की को बरामद कर लिया गया। इधर जिस कमरे से उस लड़की को बरामद किया गया है, वहां से दो मासूम बच्चे भी मिलें हैं।