इस्लामाबाद, एएनआइ। कराची में परोपकारी और मानवतावादी बिलकिस बानो एधी का निधन हो गया है। बानो के निधन के बाद से पूरा पाकिस्तान गमगीन है। डॉन अखबार के अनुसार, 74 वर्ष की बिलकिस का कराची के एक अस्पताल में कल निधन हो गया जिसकी पुष्टि उनके बेटे फैसल एधी ने की। बिलकिस कई बीमारियों से पीड़ित थी और उन्हें फेफड़ों के अलावा दिल की भी बिमारी थी।
पाकिस्तान की मां कहा जाता था
प्रसिद्ध मानवतावादी और परोपकारी अब्दुल सत्तार एधी की पत्नी, बिल्किस को इस सप्ताह की शुरुआत में कराची के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था जब उनका रक्तचाप अचानक गिर गया था। एक पेशेवर नर्स बिलकिस को पाकिस्तान की मां कहा जाता था। उन्होंने जीवन के छह दशक से अधिक समय जरूरतमंदों की सेवा में बिताया और पाकिस्तान के ईधी होम्स और केंद्रों में हजारों अनाथ बच्चों को लेजाकर बचाया।
भारतीय दूतावास ने निधन पर शोक व्यक्त किया
पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने भी आज कराची में बिलकिस बानो एधी के निधन पर शोक व्यक्त किया। भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, “भारतीय उच्चायोग बिलकिस एधी के निधन पर हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। हर्स और एधी फाउंडेशन की मानवीय सहायता की सीमाओं के पार सराहना की जाती है।
भारत से इसलिए था कनेक्शन
बता दें कि बिलकिस का भारत से पुराना कनेक्शन था। पाकिस्तान में एक सामाजिक कल्याण संगठन एधी फाउंडेशन जिसकी मुखिया खुद बिलकिस थी, उनके पति संस्थापक बिलकिस एधी ने विकलांग भारतीय लड़की गीता को गोद लिया था। गीता को लाहौर रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा समझौता एक्सप्रेस में अकेली बैठे पाया गया था, जब वह सिर्फ सात साल की थी। गीता को बाद में 2015 में उस समय की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मदद से पाकिस्तान से भारत लाया गया था।
बिलकिस को मिल चुके कई पुरस्कार
जानकारी के अनुसार बिलकिस को विभिन्न राष्ट्रीय और विदेशी पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसमें सामाजिक न्याय के लिए मदर टेरेसा मेमोरियल इंटरनेशनल अवार्ड (2015) और लोक सेवा के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार शामिल हैं, जो उन्हें 1986 में अपने पति के साथ मिला था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान सहित अन्य ने भी बिलकिस बानो एधी के निधन पर दुख व्यक्त किया है।