यूपी के अलग-अलग जिलों में जीएसटी की टीमों की छापेमारी से व्यापारियों में भारी आक्रोश है। वहीं अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व्यापारियों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी और अन्य विभागों द्वारा उत्पीड़नकारी कार्यवाहियों को तत्काल बंद किया जाना चाहिए। व्यापारियों के उत्पीड़न के बजाय उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहां व्यापारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बाद कौन देशी-विदेशी उद्यमी यहां उद्योग लगाने आएगा? पहले भी भाजपा सरकार कई इन्वेस्टर्स मीट कर चुकी है पर निवेश कहां आया? भाजपा सरकार एक ओर तो प्रदेश की तरक्की के लुभावने सपने दिखाती है, वहीं दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भागीदारी निभाने वाले व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न करने में पीछे नहीं हैं। पांच साल बाद उसे होश आया और अब उद्यमों के विकास के लिए विदेशी उद्यमियों से मदद मांगने जाना पड़ रहा है। यहां के उद्यमियों को छापों से भयाक्रांत किया जा रहा है।
बीते सोमवार को वाराणसी में सभी व्यापारी संगठनों ने एकत्रित होकर ने जीएसटी विभाग की इस कार्रवाई का अनोखे ढंग से विरोध किया। चेतगंज स्थित जीएसटी कार्यालय के मुख्य द्वार पर कफन ओढ़कर लेट गए। सांकेतिक रूप से लाश बन कर जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों ने कहा कि जीएसटी को लेकर लगातार व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। व्यापारियों ने मांग किया कि इस मामले में मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी गठित करके जांच कराई जाए। व्यापारियों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। कहा कि ये लोग व्यापारियों को प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़काने का काम कर रहे हैं। व्यापारियों ने मांग करते हुए कहा कि अधीकारियों द्वारा व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है। व्यपारियों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द जीएसटी छापेमारी को नहीं रोक गया तो विरोध को और भी उग्र करते हुए प्रदर्शन किया जाएगा। यह सब छापेमारी, कार्रवाई और सर्वे सब कुछ अव्यवहारिक है। वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने 100 से ज्यादा व्यापारियों के साथ जीएसटी विभाग के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।