लंदन, । सात देशों के समूह (G-7) ने शनिवार को दोहराया कि पिछले साल अगस्त में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद से इस्लामिक स्टेट (ISIS) और अल-कायदा वैश्विक स्तर पर खतरा बना हुए हैं। द फ्रंटियर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि ने मौलिक रूप से बदले हुए रणनीतिक और सुरक्षा वातावरण में मुलाकात की। तालिबान द्वारा जबरन कब्जा किए जाने के बाद से जी-7 देश अफगानिस्तान के घटनाक्रम को लेकर बेहद चिंतित हैं।
जी-7 देशों ने एक साथ घोषणा करते हुए कहा कि हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में अपनी मजबूत और स्पष्ट निंदा को दोहराते हैं। हम आतंकवाद को रोकने और लड़ने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में योगदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। विशेष रूप से आइएसआइएस, अल-कायदा और उनके खिलाफ हमारे सामूहिक प्रयासों के खिलाफ, जो वैश्विक स्तर पर खतरा बने हुए हैं।
जी-7 देशों ने जोर देकर कहा कि सभी आतंकवाद विरोधी उपायों को अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्ण अनुपालन में आयोजित किया जाना चाहिए। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून शामिल हैं।
जी-7 ने तालिबान से अफगान लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का किया आह्वान
इसके साथ ही जी-7 ने तालिबान से समावेशी, कानून के शासन और नागरिक समाज की दिशा में सार्थक प्रयासों के साथ सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक आधार सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। इसमें महिलाओं, लड़कियों और अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों सहित राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों के लिए पूर्ण सम्मान के साथ अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा गया है।
जी-7 ने तालिबान से अपने अनुरोध को दोहराते हुए कहा कि अफगान लड़कियों को माध्यमिक शिक्षा तक समान पहुंच से वंचित करने के उनके फैसले को तत्काल वापस ले लिया जाए। साथ ही कहा कि अफगानी महिलाओं और लड़कियों पर से मौलिक स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध तुरंत हटाए जाएं।