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झारखंड में अब आगे क्या होने वाला है? 5 प्वाइंट से आसान भाषा में समझें


 रांची। झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी के बाद से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी जहां पूरी तरह से एक्टिव हो गई है वहीं झामुमो के साथ उनके सहयोगी दल अपने विधायकों को टूटने से बचाने में जुट गए हैं। इस बीच होने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि हमलोग ही सरकार बनाएंगे क्योंकि हमारे पास पर्याप्त विधायकों का समर्थन है।

 

विधायक दल का नेता चुना गया पर शपथ नहीं हुई

झारखंड में चंपई सोरेन (Champai Soren) विधायक दल के नेता तो चुन लिए गए हैं लेकिन अब तक शपथ ग्रहण नहीं हुआ है। इससे राज्य में अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है। खबर यह भी आ रही है कि इस बीच बीजेपी भी एक्टिव हो गई है।

मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया

झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मामला अब हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। जिस हिसाब से मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है उससे सियासी संकट बढ़ता हुआ दिख रहा है।

हेमंत सोरेन ने भावुक वीडियो जारी किया

वहीं इस बीच हेमंत सोरेन ने भावुक वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि ईडी की गिरफ्तारी की मुझे कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं शिबू सोरेन का बेटा हूं। संघर्ष हमारे खून में है। हम संघर्ष करेंगे और जीतेंगे।उन्होंने मुझे उन मामलों में गिरफ्तार करने का फैसला किया,जिनका मुझसे कोई संबंध नहीं है।

भाजपा क्या कह रही है?

निशिकांत दुबे ने साधा हेमंत सोरेन पर निशाना

निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के 18 MLA कल्पना सोरेन को झारखंड का सीएम नहीं बनाना चाहते हैं। ये टूटफूट दिखाती है कि वो विधायक भ्रष्टाचारियों के साथ नहीं रहना चाहते हैं। इसलिए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

बाबू लाल मरांडी ने साधा निशाना

बाबू लाल मरांडी ने कहा कि 27 जनवरी की रात हेमंत सोरेन जी निजी यात्रा पर (पाला बदलने एवं बदले में जेल जाने से बचाने की उम्मीद लेकर)दिल्ली किन लोगों से मिलने के प्रयास में आये थे? जब किसी ने घास नहीं डाला तो मुख्यमंत्री पद की मर्यादा तोड़कर रात के अंधेरे में चोर की तरह क्यों अकेले निकल भागे?

राजभवन पर टिकी सबकी निगाहें

चंपई सोरेन के अब तक शपथ नहीं लेने के बाद अब सभी की निगाहें राजभवन पर टिकी हुई है। राजभवन में अब चंपई सोरेन को विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपना पड़ सकता है, या नहीं तो फ्लोर टेस्ट के लिए भी जाना पड़ सकता है।