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झारखंड में मिलने लगी 100 यूनिट मुफ्त बिजली, हेमंत सरकार ने पूरा किया चुनावी वादा


रांची,  झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त का लाभ मिलना आरंभ हो गया है। बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक (राजस्व) शुभांकर झा के मुताबिक बिलिंग साफ्टवेयर में इसके लिए अपडेट कर लिया गया है। जिन बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई माह का बिल इस माह में मिल रहा है, उन्हें 100 यूनिट बिजली मुफ्त का लाभ मिल रहा है। राज्य मंत्रिपरिषद ने इस आशय की मंजूरी दी थी। इसी के मुताबिक बिजली वितरण निगम ने बिलिंग आरंभ की है। इसके बाद 400 यूनिट तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा। 400 यूनिट से अधिक खपत पर न तो बिजली मुफ्त बिजली मिलेगी और ऐसे उपभोक्ताओं को सब्सिडी का भी लाभ नहीं मिलेगा।

32 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा यह लाभ

बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक (राजस्व) शुभांकर झा के अनुसार ऐसे उपभोक्ता जो 100 यूनिट से कम बिजली उपभोग करते हैं, उन्हें बिजली बिल नहीं देना होगा। वहीं 400 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने पर उपभोक्ता को 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। बताया कि झारखंड में 100 यूनिट बिजली खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं की संख्या करीब 32 लाख है। इनमें से करीब 27 लाख बिजली उपभोक्ता गांव के हैं। अब इन्हें बिजली बिल भुगतान नहीं करना पड़ेगा।

ढाई साल में चुनावी वादा जमीन पर उतारा

मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से वादा किया था कि झारखंड में झामुमो की सरकार बनने के बाद 100 यूनिट बिजली मुक्त दी जाएगी। अपने वादे को पूरा करते हुए हेमंत सोरेन ने सरकार के ढाई साल पूरे होते ही इस वादे को जमीन पर उतार कर गरीबों को बड़ी राहत दी है। गांव और शहर में रहने वाले गरीबों को इस पहल से काफी फायदा होगा। सरकार इस सुविधा के एवज में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को करीब तीस करोड़ रुपये अनुदान देगी।

30 करोड़ अतिरिक्त खर्च वहन करेगी सरकार

हेमंत सोरेन सरकार इस समय शहरी बिजली उपभोक्ताओं के लिए करीब 6.5 करोड़ और गांव के बिजली उपभोक्ताओं के लिए करीब 38 करोड़ रुपये हर महीने अनुदान देती है। 100 यूनिट बिजली फ्री कर दिए जाने से हेमंत सोरेन सरकार को शहर में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए करीब 16 करोड़ और गांव में रहने वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए करीब 60 करोड़ अनुदान मद में खर्च करना होगा। यानी कुल तीस करोड़ का अतिरिक्त खर्च वहन करना है।