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- जिलों को 170 ट्रूनेट मशीनें कोविड टेस्ट के लिए मिली हैं
- जांच की जिम्मेदारी संचारी रोग पदाधिकारियों को दी गयी
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पटना (आससे)। कोविड काल में टीवी के मरीजों को चिह्नित करना अब पहले से आसान होगा। इसके लिए ट्रूनेट मशीने का कोविड-१९ की जांच के साथ-साथ टीवी एवं रिफस्पिसिन रेजिस्टेस टीबी जांच में उपयोग करने के आदेश दिये गये हैं। इसको लेकर आईजीआईएमएस तथा एम्स सहित पीएमसीएच और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के प्राचार्य व सिविल सर्ज को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि कोविड-१९ वैश्विक महामारी के दूसरे दौर में कम होने पर सूबे में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी केस नोटिफिकेशन को बढ़ाने की पहल की गयी है। बीएमएसआईसीएल एवं कॉरपोरेट सोशल रेस्पासब्लिटी के अंतर्गत वर्ष २०२० और २०२१ में जिलों के विभिन्न अस्पतालों को १७० ट्रूनेट मशीनें कोविड-१९ टेस्ट के लिए मुहैया कराये गये हैं। इन मशीनों द्वारा कोविड के अतिरिक्त टीबी एवं रिफस्पिसिन रजिस्टेंट टीबी की भी जांच की जा सकेगी।
राज्य यक्ष्मा भंडार एवं जिला यक्ष्मा केन्द्रों में टीबी एवं रफस्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी जांच के लिए जरूरी चिप्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। फिलहाल बिहार में कोविड टेस्टिंग के लिए मोबाइल वैन भी पर्याप्त मात्रा में है। मेडिकल कालेज, जिला अस्पतालों और जिला यक्ष्मा केन्द्रों में उपलब्ध सभी ट्रूनेट मशीनों की संलग्र सूची को टूनेट मशीनों से जोडऩे को कहा गया है। जिलास्तर पर एक मशीन से आवश्यकतानुसार कोविड टेस्ट तथा अन्य संस्थानों में ट्रूनेट द्वारा टीबी एवं रिफम्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी की जांच करने का निर्णय लिया गया है।
टीबी जांच के लिए जिलास्तर पर अपर उपाधीक्षक, सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग, यक्ष्मा तथा प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के अध्यक्ष को उत्तरदायी बनाया गया है। जिला स्तर पर कोविड-१९ जांच के लिए एक ट्रूनेट मशीन को छोड़ कर बांकी सभी मशीनों के लिए एक हवादार कमरा, रनिंग वाटर सप्लाई सिंक और प्लेटफार्म व बिजली आपूर्ति के संसाधन मुहैया कराये जायेंगे।