- केंद्र सरकार ने न्यूज वेबसाइट, ओटीटी प्लेटफार्म समेत डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स को लेकर सख्त रूख अपनाते हए नई गाइडलाइन के तहत पूरी जानकारी सब्मिट करने के लिए और 15 दिन का समय दिया है। इस बीच कई डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स से ईमेल के जरिए जवाब मांगा गया है। 25 फरवरी 2021 को भारत सरकार ने सोशल मीडिया, डिजिटल न्यूज मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए नए नियम जारी किए थे। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी रूल्स 2021 के तहत तीन महीने में डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स से जानकारी मांगी गई इन नए नियमों की नई गाइडलाइंस जारी हुए तीन महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक डिजिटल मीडिया पब्लिशर्स ने ने अपनी डिटेल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नहीं दी है। जिसके बाद आज अब मंत्रालय ने जानकारी देने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
नए नियम निजता के खिलाफ नहीं: सरकार
वहीं इससे पहले सरकार ने नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हॉट्सएप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। व्हॉट्सएप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है।
व्हॉट्सएप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जायेगा। हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत ने जिन भी उपायों का प्रस्ताव किया है उससे व्हॉट्सएप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा। साथ ही इससे आम प्रयोगकर्ता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया है कि नये आईटी नियमों के तहत देश की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था तथा देश की सुरक्षा से जुड़े ‘बेहद गंभीर अपराध’ वाले संदेशों को रोकने या उसकी जांच के लिए ही उनके मूल स्रोत की जानकारी मांगने की जरूरत है। मंत्रालय ने अलग से जारी बयान में सोशल मीडिया कंपनियों मसलन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन की स्थिति के बारे में तुरंत स्थिति रिपोर्ट देने को कहा।