पटना

डीआरसी-बीआरसी के खाली पद मार्च तक भरे जायेंगे


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। डीआरसी एवं बीआरसी के सभी खाली पद मार्च तक भर दिये जायेंगे। इससे मध्याह्न भोजन की व्यवस्था दुरुस्त होगी। डीआरसी एवं बीआरसी के तकरीबन 45 फीसदी पद खाली हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्यसचिव संजय कुमार ने शनिवार को यहां अभिलेख भवन के सभागार में मध्याह्न भोजन योजना में लेखा की नयी व्यवस्था लागू करने के लिए मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के पहले स्कूलों में 60 फीसदी बच्चे ही पका-पकाया भोजन खा रहे थे, लेकिन कोरोनाकाल में जब पका-पकाया भोजन के बदले खाद्यान्न  देने की व्यवस्था हुई, तो खाद्यान्न लेने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 80 फीसदी पर पहुंच गयी। इस पर उन्होंने मंथन की आवश्यकता जतायी। अपर मुख्यसचिव श्री झा ने योजना के कार्यान्वयन से जुड़े लोगों से कहा कि नयी व्यवस्था लागू करें। नयी व्यवस्था के तहत सिंगल नोडल एकाउंट सिस्टम को लागू किया जाना है।

शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सतीश चन्द्र झा, जो मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक भी हैं, ने कहा कि योजना के तहत राज्य स्तर पर अब एक ही बैंक खाता होगा। सबकुछ कैशलेस होगा। केंद्र सरकार ने इसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री पोषण योजना किया है।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ, निदेशक (प्रशासन) सुशील कुमार,  मध्याह्न भोजन योजना के उपनिदेशक मोतीउर रहमान एवं सहायक निदेशक अजय कुमार झा सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे। तकरीबन 218 मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी गयी। इन्हें सर्टिफिकेट भी दिये गये। मास्टर ट्रेनर के रूप में डीआरपी एवं बीआरपी सहित प्रधानाध्यापकों का चयन किया गया है। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी रविवार को दूसरे दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।